नयी दिल्ली, 25 नवंबर (भाषा) देश के 33 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में दिल्ली सबसे प्रदूषित रही, जहां पीएम 2.5 प्रदूषक तत्वों की सांद्रता का वार्षिक औसत 101 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया, जो भारतीय मानक से 2.5 गुना और विश्व स्वास्थ्य संगठन के दिशानिर्देशों से 20 गुना अधिक है। एक नए उपग्रह-आधारित विश्लेषण में यह जानकारी सामने आई है।
‘सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर’ की रिपोर्ट के मुताबिक, मार्च 2024 से फरवरी 2025 तक की अध्ययन अवधि के दौरान चंडीगढ़ में पीएम2.5 का वार्षिक औसत स्तर 70 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया और वह इस मामले में दूसरे स्थान पर रहा, जिसके बाद हरियाणा में 63 और त्रिपुरा में 62 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर का स्तर दर्ज किया गया।
असम (60), बिहार (59), पश्चिम बंगाल (57), पंजाब (56), मेघालय (53) और नगालैंड (52) में भी स्तर राष्ट्रीय मानक से अधिक था।
कुल 749 जिलों में से 447 (60 प्रतिशत) में राष्ट्रीय परिवेशी वायु गुणवत्ता मानक से अधिक स्तर दर्ज किया गया।
इन जिलों में वार्षिक पीएम2.5 का स्तर 40 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा। विश्लेषण से पता चला कि सबसे प्रदूषित जिले कुछ ही राज्यों के हैं।
इनमें दिल्ली (11 जिले) व असम (11 जिले) मिलकर इस मामले में शीर्ष 50 में से लगभग आधे जिलों का प्रतिनिधित्व करते हैं, इसके बाद बिहार (सात) और हरियाणा (सात) का स्थान है।
अन्य राज्यों में उत्तर प्रदेश (चार), त्रिपुरा (तीन), राजस्थान (दो) और पश्चिम बंगाल (दो) शामिल हैं।
अध्ययन अवधि के दौरान अपर्याप्त जमीनी निगरानी आंकड़ों के कारण लद्दाख, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह तथा लक्षद्वीप को विश्लेषण से बाहर रखा गया था।