मुंबई, 17 नवंबर (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र के सभी नगर निकायों से सार्वजनिक सड़कों पर लगाए गए अवैध होर्डिंग, बैनर और पोस्टरों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकियों तथा इस संबंध में वसूले गए जुर्माने की संख्या के बारे में जानकारी मांगी है।
न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति संदेश पाटिल की पीठ ने सोमवार को कहा कि वह जानना चाहती हैं कि नगर निगमों और जिला परिषदों ने जुर्माना राशि वसूलने के लिए क्या कार्रवाई की है।
अदालत ने सार्वजनिक सड़कों और फुटपाथों पर लगाए गए अवैध होर्डिंग, बैनर तथा पोस्टरों के खिलाफ कई याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान यह आदेश दिया। इन याचिकाओं में दावा किया गया है कि इनसे सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान हुआ है।
उच्च न्यायालय पिछले कई वर्षों से अवैध बैनरों और होर्डिंग के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आह्वान करता रहा है और उसने सभी राजनीतिक दलों को यह आश्वासन देने के लिए एक हलफनामा दायर करने का भी आदेश दिया था कि उनका कोई भी पदाधिकारी इन्हें नहीं लगाएगा।
उस समय भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), कांग्रेस, शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने आश्वासन पत्र प्रस्तुत किया था।
उच्च न्यायालय की पीठ ने सोमवार को कहा कि अवैध होर्डिंग, पोस्टर या बैनर के लिए जुर्माना राशि राजनीतिक दल द्वारा अधिकृत व्यक्ति से वसूल की जानी चाहिए।
अदालत ने पूछा कि क्या प्रत्येक नगर निकाय के पास इस मुद्दे को संभालने के लिए एक अलग विभाग होना चाहिए?
उच्च न्यायालय ने सवाल किया, ‘‘ क्या हमें यह जानकारी मिल सकती है कि किस निगम ने कितनी प्राथमिकी दर्ज की हैं, इस संबंध में क्या कार्रवाई की गई है और कितना जुर्माना वसूला गया है? जुर्माना वसूलने के लिए निगमों ने क्या कदम उठाए हैं? इसके लिए क्या कार्ययोजना है?’’
अदालत ने अवैध होर्डिंग और बैनरों के खिलाफ लातूर नगर निगम द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की और कहा कि इसे अन्य सभी जगहों पर भी लागू किया जाना चाहिए।
अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 26 नवंबर के लिए निर्धारित की है।