श्रीनगर, 24 अक्टूबर (भाषा) जम्मू-कश्मीर में शुक्रवार को चार राज्यसभा सीटों के लिए मतदान जारी है।
जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले, संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान पांच अगस्त 2019 को निरस्त होने और राज्य के दो केंद्रशासित प्रदेशों में पुनर्गठन के बाद पहली बार राज्यसभा के लिए चुनाव हो रहे हैं।
अधिकारियों ने बताया कि मतदान जम्मू-कश्मीर विधानसभा परिसर में हो रहा है।
चार राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव तीन अधिसूचनाओं के तहत हो रहे हैं। चुनाव आयोग ने दो सीटों के लिए अलग-अलग और बाकी दो सीटों के लिए एक साझा अधिसूचना जारी की है।
एक सीट पर नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के चौधरी मोहम्मद रमज़ान का मुकाबला भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अली मोहम्मद मीर से है।
दूसरी सीट पर नेकां के सज्जाद किचलू का सामना भाजपा के राकेश महाजन से है।
तीसरी अधिसूचना के लिए नेकां ने अपने कोषाध्यक्ष जी. एस. ओबेरॉय (शम्मी ओबेरॉय) और युवा प्रवक्ता इमरान नबी डार को मैदान में उतारा है, जिनका मुकाबला भाजपा के सत शर्मा से है।
नेकां और पीडीपी ने अपने विधायकों को मतदान के लिए तीन-पंक्ति का व्हिप जारी किया है ताकि वे सत्तारूढ़ दल के उम्मीदवारों के पक्ष में मतदान सुनिश्चित कर सकें।
पीडीपी और कांग्रेस दोनों ने सत्तारूढ़ नेकां को समर्थन देने की घोषणा की है।
संख्याबल के आधार पर 41 सदस्यों वाली नेकां को, छह कांग्रेस विधायकों, तीन पीडीपी विधायकों, एक माकपा विधायक और छह निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त है। इस प्रकार नेकां तीन सीटों पर आसानी से जीत दर्ज करने की स्थिति में है।
एक सीट पर मुकाबला कड़ा माना जा रहा है।
कुल 88 सदस्यीय विधानसभा में नेकां के नेतृत्व वाला सत्तारूढ़ गठबंधन और पीडीपी के पास कुल मिलाकर 57 विधायक हैं, जबकि भाजपा के पास 28 सदस्य हैं।
भाजपा ने तीसरी अधिसूचना के तहत अपने प्रदेश अध्यक्ष सत शर्मा को उम्मीदवार बनाया है।
शर्मा को उस समय बढ़त मिली जब पीपुल्स कांफ्रेंस (जेकेपीसी) प्रमुख साजिद गनी लोन ने पिछले सप्ताह यह घोषणा की कि उनकी पार्टी राज्यसभा चुनाव में मतदान से परहेज करेगी। जेकेपीसी पहले भाजपा-पीडीपी सरकार की सहयोगी थी।
नेकां ने विश्वास जताया है कि पार्टी सभी चार सीटों पर जीत दर्ज करेगी।
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर की चार राज्यसभा सीटें रिक्त हैं। 15 फरवरी, 2021 को गुलाम नबी आजाद और नजीर अहमद लवाय का कार्यकाल समाप्त हुआ था। इसी वर्ष 10 फरवरी को फैयाज अहमद मीर और शमशेर सिंह मनहास का कार्यकाल भी पूरा हो गया था।