तिरूवनंतपुरम, छह अक्टूबर (भाषा) केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय में एक वकील द्वारा प्रधान न्यायाधीश बी आर गवई की तरफ जूता उछालने की कथित कोशिश की कड़ी निंदा की और इसे संघ परिवार द्वारा फैलाई जा रही ‘नफरत का प्रतिबिंब’ करार दिया।
इस घटना को ‘‘चिंताजनक’’ बताते हुए, विजयन ने कहा कि इसे एक व्यक्तिगत कृत्य बताकर खारिज करना असहिष्णुता के बढ़ते माहौल को नज़रअंदाज़ करना होगा।
उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘शीर्ष अदालत में प्रधान न्यायाधीश बी आर गवई पर हमले की कोशिश की कड़ी निंदा करता हूं। यह चिंताजनक घटना संघ परिवार द्वारा फैलाई जा रही नफरत का प्रतिबिंब है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसे एक व्यक्तिगत कृत्य बताकर खारिज करना असहिष्णुता के बढ़ते माहौल को नज़रअंदाज़ करना है। जब सांप्रदायिक कट्टरता भारत के प्रधान न्यायाधीश को भी निशाना बनाने की हिम्मत करती है, तो यह इस विभाजनकारी और ज़हरीली राजनीति के गंभीर खतरे को उजागर करता है जिसका बिना किसी हिचकिचाहट के सामना किया जाना चाहिए।’’
उच्चतम न्यायालय में सोमवार को कार्यवाही के दौरान 71 वर्षीय एक वकील ने भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) बी आर गवई की ओर कथित तौर पर जूता उछालने की कोशिश की।
वकीलों के अनुसार, यह घटना उस समय घटी जब प्रधान न्यायाधीश और न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन की पीठ वकीलों द्वारा उल्लेख किए गए मामलों की सुनवाई कर रही थी।
आरोपी वकील की पहचान बाद में मयूर विहार निवासी राकेश किशोर (71) के रूप में की गयी। वह मंच के पास पहुंचे, अपना जूता निकाला और उसे न्यायाधीशों की ओर उछालने का प्रयास किया।
अदालत कक्ष में मौजूद सतर्क सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत हस्तक्षेप किया और हमले को रोका। वकील को तुरंत अदालत परिसर से बाहर ले जाया गया।
जब वकील को ले जाया जा रहा था, तो उन्हें चिल्लाते हुए सुना गया, ‘‘सनातन का अपमान नहीं सहेंगे’’।