कोझिकोड (केरल), एक अक्टूबर (भाषा) केरल के लोक निर्माण मंत्री पी ए मोहम्मद रियास ने बुधवार को कहा कि विपक्षी गठबंधन यूडीएफ, कांग्रेस नेता राहुल गांधी को एबीवीपी के एक पूर्व नेता द्वारा दी गई जान से मारने की धमकी के मामले में राज्य सरकार को दोषी ठहरा रहा है क्योंकि विपक्ष के पास एलडीएफ सरकार के बारे में कहने के लिए और कुछ नहीं है।
मंत्री एक दिन पहले राज्य विधानसभा में विपक्ष द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन का जिक्र कर रहे थे, जब विधानसभा अध्यक्ष ने एक भाजपा नेता द्वारा गांधी के खिलाफ ‘‘जान से मारने’’ की धमकी वाली टिप्पणी पर चर्चा की अनुमति देने से इनकार कर दिया था।
यह विरोध सोमवार को पुलिस द्वारा भाजपा नेता प्रिंटू महादेवन के खिलाफ 26 सितंबर को एक टेलीविजन बहस के दौरान कथित तौर पर की गई टिप्पणी के लिए मामला दर्ज किए जाने के बाद हुआ।
विधानसभा अध्यक्ष ए एन शमशीर ने केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) प्रमुख सनी जोसेफ को स्थगन प्रस्ताव के रूप में यह मुद्दा उठाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया, यह कहते हुए कि ‘‘इसकी तत्काल कोई प्रासंगिकता या महत्व नहीं है।’’
इसके बाद, विपक्ष के नेता वी डी सतीशन ने अध्यक्ष के फैसले पर सवाल उठाते हुए पूछा कि टेलीविजन पर बहस के दौरान ऐसी टिप्पणियों को अप्रासंगिक कैसे माना जा सकता है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम अध्यक्ष की इस टिप्पणी का कड़ा विरोध करते हैं कि मामला गंभीर नहीं है।’’
यूडीएफ का विरोध तेज होने पर अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी।
बुधवार को रियास ने कहा कि सदन विपक्ष द्वारा लाए गए हर स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा कर रहा है। मंगलवार को, वे एक समाचार चैनल पर बहस के दौरान राहुल गांधी को दी गई जान से मारने की धमकी पर चर्चा करना चाहते थे।
मंत्री ने कहा, ‘‘हम सभी इसकी निंदा करते हैं क्योंकि सिर्फ राहुल गांधी ही नहीं, किसी और को भी उनके राजनीतिक कार्यों के लिए इस तरह की धमकी नहीं दी जानी चाहिए।’’
उन्होंने दावा किया, ‘‘आरएसएस ने राज्य में सबसे ज्यादा राजनीतिक हत्याएं की हैं और ज्यादातर पीड़ित हमारे साथी रहे हैं।’’
रियास ने कहा कि जब केरल में माकपा सत्ता में है, तो अल्पसंख्यक और धर्मनिरपेक्ष लोग सुरक्षित हैं और लोग इस बारे में जागरूक हैं। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘लोगों में सुरक्षा की इस भावना को नष्ट करने के लिए यूडीएफ इस तरह के आरोप लगा रहा है।’’