स्वास्थ्य और सौन्दर्य का खजाना छिपा है घर की मसालेदानी में

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पकवानों को स्वादिष्ट बनाने के लिए, उनमें भीनी-भीनी सुगन्ध लाने के लिए हर घर में मसालों का प्रयोग किया जाता है। इन मसालों में स्वाद और सुगन्ध के अतिरिक्त कितने सौन्दर्य प्रसाधन और दवाइयाँ छिपी हैं, इसका अनुमान लगाना बहुत कठिन है। प्रतिदिन हम नमक, हल्दी, सौंफ, अजवाइन, लौंग आदि का प्रयोग अपने भोजन में करते हैं। इनके गुणों की जानकारी रखना भी उतना आवश्यक है जितना इनको खाना।
नमक – नमक का प्रयोग हर प्रकार का भोजन पकाने में किया जाता है। धूप से झुलसी त्वचा पर कच्चे दूध में नमक मिलाकर त्वचा पर लगाने से झुलसी त्वचा में जान आ जाती है। नमक की कमी से त्वचा रूखी हो जाती है इसलिए नमक का सेवन जरूरी है। त्वचा के दाग धब्बों को दूर करने के लिए सरसों के तेल में नमक मिला कर लगाएं।
दाँतों पर ब्रश करने के बाद नमक और खाने वाला सोडा बराबर मात्रा में मिलाकर दाँत साफ करें। दाँत चमकने लगेंगे। थकान होने पर गर्म पानी में नमक डालकर पैर भिगो कर रखने से थकान दूर होती है। गर्म पानी में नमक डालकर गरारे करने से गला साफ होता है। कुनकुने गर्म पानी में थोड़ा नमक मिला कर पानी पीने से गले के दर्द में राहत मिलती है।
गर्म चाय में चुटकी भर नमक गले की खराश और दर्द में राहत दिलाती है। कब्ज को दूर करने के लिए नमक मिला पानी पिएं। भंवरा और मधुमक्खी के काटने वाले स्थान पर गर्म पानी में नमक मिलाकर सेंक करने से दर्द और सूजन ठीक होती है। कंधों के दर्द में नमक तवे पर अच्छी तरह गर्म कर कपड़े की थैली में नमक डालकर उससे सिंकाई करने पर दर्द में राहत मिलती है।
हल्दी – उबटन में हल्दी का विशेष स्थान है। बेसन में चुटकी भर हल्दी मिलाकर उबटन तैयार करें। उबटन मल कर कुछ समय बाद स्नान करने से रंग रूप में निखार आता है। अधिकतर दुल्हनें शादी से पहले इस उबटन का प्रयोग करती हैं। हल्दी का प्रयोग ब्लीचिंग के लिए भी किया जा सकता है। कच्चे दूध में चुटकी भर हल्दी मिला कर मुंह, गर्दन, बाजुओं पर लगाने से त्वचा कांतिमय हो जाती है।
सूजन और मोच में चूने और हल्दी का लेप करें। खांसी होने पर दूध में हल्दी मिला कर पीने से खांसी में राहत मिलती है। शरीर की दर्दो में या सिरदर्द होने पर गर्म दूध में हल्दी डालकर पीने से आराम मिलता है। हल्दी एक एन्टीसेप्टिक है। उसे चोट पर सरसों के गर्म तेल में मिलाकर लगाने से इन्फेक्शन पर काबू पाया जा सकता है।
सौंफ – सौंफ के नियमित सेवन से खून साफ होता है और त्वचा का रंग साफ होता है। गर्भकाल में गर्भवती महिलाएं खाना खाने के बाद नियमित सौंफ खाएं तो संतान के गोरे होने की संभावना बढ़ जाती है।
आंखों की ज्योति ठीक रखने के लिए सौंफ का नियमित सेवन करंे। सौंफ की तासीर ठंडी होती है। इसका प्रयोग ठण्डाई बनाने में भी किया जा सकता है। कब्ज होने पर सोने से पहले सौंफ या इसका चूर्ण कुनकुने पानी के साथ लेने से पेट साफ हो जाता है। पेट दर्द होने पर भुनी सौंफ लेने से पेट दर्द में राहत मिलता है।
लौंग – मुंह में दुर्गन्ध रहने पर लौंग मुंह में रखने से दुर्गन्ध दूर हो जाती है। दांत दर्द में लौंग का तेल लगाएं। दर्द वाले दांत के नीचे लौंग दबा कर रखने से भी दर्द में राहत मिलती है। सिर दर्द में लौंग के तेल की मालिश करवाने से सिर दर्द में सुकून मिलता है। फोड़े फुंसी पर हल्दी और लौंग का लेप लगाने से बेहद आराम मिलता है।
अजवाइन – दस पन्द्रह दिन में एक बार पानी में अजवाइन उबाल कर 1/2 नींबू का रस मिला लें। उसकी भाप चेहरे पर लेने से त्वचा के पोर खुल जाते हैं। भाप लेते समय मोटे तौलिये से सिर चेहरा व गर्दन ढक लें।
प्रसूता स्त्री पानी में थोड़ी-सी अजवाइन उबाल कर ले तो पेट में गैस नहीं बनती। पेट दर्द होने पर गुनगुने पानी से थोड़ी सी अजवाइन में नमक मिला कर लेने से आराम मिलता है। गैस की शिकायत होने पर आधे गिलास पानी में आधा चम्मच अजवाइन मिला कर उबालें। उस पानी में नींबू का रस मिलाकर पीने से फौरन आराम मिलता है।
थोड़ी-सी अजवाइन नियमित लेने से मुंह की दुर्गन्ध दूर होती है। शीत ऋतु में पैरों की उंगलियां सूज जाती हैं। उन पर सरसों के तेल में अजवाइन जलाकर रात्रि में उंगलियों पर मलने से सूजन और खारिश में आराम मिलता है।

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