रत्नागिरि, 12 अक्टूबर (भाषा) भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) बीआर गवई ने रविवार को कहा कि संविधान ने यह सुनिश्चित किया है कि देश मजबूत और एकजुट रहे, जबकि पड़ोसी देश अशांति और उथल-पुथल का सामना कर रहे हैं।
महाराष्ट्र के रत्नागिरि जिले के मंडणगड तालुका में एक न्यायालय भवन का उद्घाटन करने के बाद प्रधान न्यायाधीश ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि यह भवन ऐसे क्षेत्र में बना है, जिसमें संविधान के मुख्य निर्माता और महान समाज सुधारक बाबासाहेब आंबेडकर का पैतृक गांव अंबावडे भी शामिल है।
न्यायमूर्ति गवई ने कहा, ‘‘युद्ध और शांति, दोनों ही स्थितियों में देश एकजुट रहा है और विकास के पथ पर अग्रसर रहा है। हमने आंतरिक आपातकाल भी देखा है, लेकिन हम मजबूत और एकजुट रहे हैं। यह डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के संविधान के कारण है, जो हमें उन पड़ोसी देशों से अलग करता है, जहां अशांति का माहौल है।’’
श्रीलंका, बांग्लादेश और हाल में नेपाल में अशांति के कारण सरकारों में बदलाव हुआ है, साथ ही दंगों और आगजनी के कारण नागरिकों को बड़े पैमाने पर परेशानी का सामना करना पड़ा है।
उन्होंने कहा, ‘‘पिछले 22 वर्षों में एक न्यायाधीश के रूप में, मैंने न्याय के विकेंद्रीकरण के लिए आवाज उठाई है और यह सुनिश्चित किया है कि कई न्यायिक बुनियादी ढांचा परियोजनाएं पूरी हों। मुझे सबसे अधिक संतोष कोल्हापुर सर्किट बेंच (मुंबई उच्च न्यायालय की) और यह मंडणगड न्यायालय भवन को देखकर हुआ है, जो दो वर्षों में बनकर तैयार हुआ है।’’
इसे एक सपने के साकार होने जैसा बताते हुए प्रधान न्यायाधीश ने मंडणगड न्यायालय भवन परियोजना में तेजी लाने के लिए महाराष्ट्र सरकार को धन्यवाद दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, कार्यपालिका और न्यायपालिका की शक्तियों के पृथक्करण के सिद्धांत से लोगों को न्याय मिलने की उम्मीद की जाती है, फिर भी न्यायपालिका को सभी तक न्याय सुनिश्चित करने के लिए धन के संदर्भ में कार्यपालिका से सहयोग प्राप्त करना होता है। हाल में नासिक, नागपुर, कोल्हापुर और दरियापुर में न्यायालय भवनों का उद्घाटन हुआ है। मुझे इनके निर्माण की गुणवत्ता पर गर्व है।’’