टीडीबी एसआईटी जांच से पूरी तरह संतुष्ट, उम्मीद है कि खोया हुआ सोना बरामद हो जाएगा: पी एस प्रशांत
Focus News 24 October 2025 0
पथनमथिट्टा (केरल), 24 अक्टूबर (भाषा) त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड (टीडीबी) के अध्यक्ष पी एस प्रशांत ने शुक्रवार को कहा कि सबरीमला में भगवान अयप्पा मंदिर से सोने की हानि के मामले में चल रही एसआईटी जांच से बोर्ड पूरी तरह संतुष्ट है और उम्मीद है कि खोया हुआ सोना बरामद कर लिया जाएगा तथा दोषियों को दंडित किया जाएगा।
प्रशांत ने कहा कि विशेष जांच दल (एसआईटी) की जांच प्रभावी ढंग से आगे बढ़ रही है और त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड (टीडीबी) को इस पर “पूरा भरोसा” है।
टीडीबी अध्यक्ष ने एक टीवी चैनल से बात करते हुए यह बयान दिया। उन्होंने कहा कि हाल ही में गिरफ्तार किए गए पूर्व प्रशासनिक अधिकारी बी. मुरारी बाबू द्वारपालक (संरक्षक देवता) की मूर्तियों के सोने की परत वाले तांबे के आवरण को सोने की परत चढ़ाने के लिए बेंगलुरु के व्यवसायी उन्नीकृष्णन पोट्टी को सौंपना चाहते थे।
उन्होंने दावा किया कि बोर्ड ने बाबू या पोट्टी को लाभ पहुंचाने वाला कोई आदेश जारी नहीं किया है।
उन्होंने कहा कि बाबू सोने की परत चढ़ाने के लिए पोट्टी को तांबे की प्लेटें सौंपना चाहते थे क्योंकि व्यवसायी ने 2019 की शुरुआत में इसी तरह का प्लेटिंग कार्य करते समय इसके संबंध में वारंटी दी थी।
प्रशांत ने कहा, “मुरारी बाबू ने कहा कि अगर बोर्ड किसी और से सोने की परत चढ़ाने का काम करवाएगा तो उसे लाखों का नुकसान होगा। इसलिए हमने आदेश दिया कि तंत्री की अनुमति ली जाए। तंत्री ने मूर्तियों के आवरण को इलेक्ट्रोप्लेटिंग के लिए चेन्नई ले जाने की अनुमति दी, लेकिन चौखट या अन्य आवरणों को ले जाने की अनुमति नहीं दी।”
टीडीबी अध्यक्ष ने बाद में संवाददाताओं से कहा कि यह अनुचित है कि मीडिया और कांग्रेस के नेतृत्व वाला विपक्ष 2019 में हुई घटनाओं के लिए मौजूदा बोर्ड से स्पष्टीकरण मांग रहा है।
उन्होंने अपने ऊपर लगे आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोपों को भी खारिज कर दिया और दावा किया कि उनके पास केवल कुछ लाख रुपये की संपत्ति है।
प्रशांत ने राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता वी.डी. सतीशन को अपनी संपत्ति का खुलासा करने की चुनौती दी। वी.डी. सतीशन ने मौजूदा बोर्ड को भंग करने की मांग की है।
सोना गायब होने के विवाद के बाद टीडीबी द्वारा निलंबित किए गए बाबू को बृहस्पतिवार को एसआईटी ने गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया। वह द्वारपालक मूर्तियों की स्वर्ण-आवरण वाली प्लेटों और मंदिर के श्रीकोविल (गर्भगृह) की चौखटों से सोना गायब होने से संबंधित दो मामलों में आरोपी हैं।
मुख्य अभियुक्त उन्नीकृष्णन पोट्टी ने 2019 में द्वारपालक की मूर्तियों के इलेक्ट्रोप्लेटिंग का प्रस्ताव टीडीबी को दिया, तो बाबू ने यह दावा करते हुए बोर्ड को प्रस्ताव भेज दिया कि सोने से मढ़ी हुई प्लेटें तांबे की बनी हैं।
कथित तौर पर उन्होंने 2025 में पोट्टी की ओर से फिर से ऐसा ही प्रस्ताव भेजा। बाबू, हरिपद में उप देवस्वम आयुक्त के पद पर कार्यरत थे, उन्हें हाल ही में सेवा से निलंबित कर दिया गया।
केरल उच्च न्यायालय के निर्देश पर मामले की जांच कर रही एसआईटी पोट्टी को गिरफ्तार कर चुकी है।
सोने की चोरी का खुलासा तब हुआ जब उच्च न्यायालय ने द्वारपालक की मूर्तियों पर लगे सोने के आवरण को हटाने के संबंध में स्वतः ही एक अपील पर सुनवाई शुरू की।
