
बहुत कम लोगों को यह ज्ञात है कि सूर्य किरणों से हमारी त्वचा जिस ऊर्जा को ग्रहण करती है वह हमारे शरीर के विकास के लिए कितनी आवश्यक है। सबके लिए विटामिन डी आवश्यक है जो सूर्य की किरणें हमें पूरी तरह मुफ्त में देती है।
विटामिन डी के लिए श्रेष्ठ स्रोत सूर्य की किरणें हैं। इसकी आपूर्ति सूर्य की किरणों से जितनी सरलता से हो जाती है उतनी किसी अन्य से नहीं। कुछ देर मात्रा के लिए धूप में निकल जाना भी स्वास्थ्य हेतु लाभदायी होता है। धूप में मात्रा 15 मिनट खड़े हो जाने से शरीर को जरूरी विटामिन डी की प्राप्ति हो जाती है।
विटामिन डी शरीर में कैल्शियम और फास्फोरस को ग्रहण करने में मदद करता है उसे नियंत्रित करता है। इससे हड्डियां तथा मांसपेशियां बनती एवं मजबूती होती हैं। इसके अलावा इससे और कई लाभ मिलते हैं। अल्ट्रावायलेट किरणों से त्वचा काली पड़ने एवं सन बर्न से भय से उससे दूर रहने वाले सूर्य के अनेक फायदों से वंचित रह जाते हैं। लाभ को देखने एवं पाने मात्रा हेतु 15 मिनट नरम धूप में खड़े होकर तथा बिताकर देखिए।
सूर्य धूप के विटामिन डी की खासियत
सूर्य धूप निरापद:- मशरूम, मछली, मीट, अंडा, कॉडलिवर आयल, एवं घी आदि से मिलने वाला विटामिन डी खतरनाक होता है जबकि सूर्य से मिला विटामिन डी ऐसा न होकर पूर्ण निरापद होता है।
बुजुर्गों की बीमारी दूर:- धूप का भरपूर सेवन करने से बुजुर्गों को हृदयाघात और डायबिटीज का खतरा कम होता है। यह विटामिन डी वृद्धों के खतरों को घटाता है। उनकी चयापचय प्रणाली को सीधे रूप से सुधार देता है।
महिलाओं की उम्र बढ़ती:- सूर्य धूप के स्नान से महिलाओं की उम्र बढ़ती है। वे अधिक दिनों तक जीवित रहती हैं। यह खून जमने, डायबिटिज एवं टयूमर को ठीक करती हैं, प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाती है एवं पैरों में खून जमने का खतरा बिलकुल नहीं रह जाता। ठंडे क्षेत्रा में शीतकाल में यह खतरा ज्यादा रहता है। धूप मधुमेह को ठीक करती है एवं उसे होने नहंीं देती। इससे शरीर में भयावह बीमारियों के पनपने की आशंका एकदम कम हो जाती है। धूप हमें विटामिन डी, कैंसर एवं हृदय रोगों से बचाती है।
पुरूष बांझपन दूर:- यदि पुरूष को बांझपन है तो उनके लिए सूर्यधूप रामबाण दवा की भांति है। धूप सेंकने से शुक्राणुओं की गुणवत्ता में सुधार आता है। खून में सूर्य धूप से मिले विटामिन डी के बढ़ने से उन्हें यह लाभ मिलता है। यही संतान उत्पत्ति में सहायक बनता है। इसके अलावा यह वियाग्रा दवा की भांति भी काम करती है। यह टेस्टोस्टोरेन हार्मोन के बहाव में वृद्धि करती है।
दिमाग सही रहता है:- सूर्य प्रकाश से मिले विटामिन डी से दिमाग स्वस्थ रहता है। यह पागलपन को कम करती है एवं होने से रोकती है। सूर्य से मिले विटामिन से सिजोफेनिया (पागलपन की बीमारी) के खतरे को कम किया जा सकता है। यह दिमाग को स्वस्थ, संतुलित एवं विकसित करता है। गर्भवती के धूप में रहने से जच्चा बच्चा दोनों की हड्डियां एवं मांसपेशियां मजबूत रहती है। दिमाग स्वस्थ रहता है एवं पूर्ण विकसित होता है।
दिल के रोगों को रोकता:- सूर्य से मिले विटामिन डी से हड्डियां, मांसपेशियां मजबूत होती हैं। कैंसर का खतरा कम होता है। चयापचय सुधरता है जिससे मधुमेह एवं हृदय रोग काबू में आ जाता है। धूप दिल की बीमारियों को रोकने में मददगार होती है।
स्वस्थ, निरोगी व दीर्घायु बनाता:- मनुष्य को विटामिन डी की जरूरत का नब्बे प्रतिशत भाग यही सूर्य पूर्ण करता है। इससे मिला विटामिन डी मनुष्य को स्वस्थ निरोगी एवं दीर्घायु बनाता है। इससे स्वास्थ्य समस्या में बहुत कमी हो जाती है। यह हड्डियों एवं मांसपेशियों को मजबूत बनाने के साथ अस्थि भंगुर होने, फ्रैक्चर होने से बचाती है।
हड्डी रोगों व दर्द दूर होता है:- दैनिक कोमल धूप के सेवन से हड्डी रोग नहीं होता। जोड़ों में दर्द से आराम मिलता है। दैनिक क्रियाओं में सुविधा होती है।
सावधानी:- कोमल धूप सेवनीय होता है किंतु तेज धूप से नुकसान होता है।
विटामिन डी के लिए श्रेष्ठ स्रोत सूर्य की किरणें हैं। इसकी आपूर्ति सूर्य की किरणों से जितनी सरलता से हो जाती है उतनी किसी अन्य से नहीं। कुछ देर मात्रा के लिए धूप में निकल जाना भी स्वास्थ्य हेतु लाभदायी होता है। धूप में मात्रा 15 मिनट खड़े हो जाने से शरीर को जरूरी विटामिन डी की प्राप्ति हो जाती है।
विटामिन डी शरीर में कैल्शियम और फास्फोरस को ग्रहण करने में मदद करता है उसे नियंत्रित करता है। इससे हड्डियां तथा मांसपेशियां बनती एवं मजबूती होती हैं। इसके अलावा इससे और कई लाभ मिलते हैं। अल्ट्रावायलेट किरणों से त्वचा काली पड़ने एवं सन बर्न से भय से उससे दूर रहने वाले सूर्य के अनेक फायदों से वंचित रह जाते हैं। लाभ को देखने एवं पाने मात्रा हेतु 15 मिनट नरम धूप में खड़े होकर तथा बिताकर देखिए।
सूर्य धूप के विटामिन डी की खासियत
सूर्य धूप निरापद:- मशरूम, मछली, मीट, अंडा, कॉडलिवर आयल, एवं घी आदि से मिलने वाला विटामिन डी खतरनाक होता है जबकि सूर्य से मिला विटामिन डी ऐसा न होकर पूर्ण निरापद होता है।
बुजुर्गों की बीमारी दूर:- धूप का भरपूर सेवन करने से बुजुर्गों को हृदयाघात और डायबिटीज का खतरा कम होता है। यह विटामिन डी वृद्धों के खतरों को घटाता है। उनकी चयापचय प्रणाली को सीधे रूप से सुधार देता है।
महिलाओं की उम्र बढ़ती:- सूर्य धूप के स्नान से महिलाओं की उम्र बढ़ती है। वे अधिक दिनों तक जीवित रहती हैं। यह खून जमने, डायबिटिज एवं टयूमर को ठीक करती हैं, प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाती है एवं पैरों में खून जमने का खतरा बिलकुल नहीं रह जाता। ठंडे क्षेत्रा में शीतकाल में यह खतरा ज्यादा रहता है। धूप मधुमेह को ठीक करती है एवं उसे होने नहंीं देती। इससे शरीर में भयावह बीमारियों के पनपने की आशंका एकदम कम हो जाती है। धूप हमें विटामिन डी, कैंसर एवं हृदय रोगों से बचाती है।
पुरूष बांझपन दूर:- यदि पुरूष को बांझपन है तो उनके लिए सूर्यधूप रामबाण दवा की भांति है। धूप सेंकने से शुक्राणुओं की गुणवत्ता में सुधार आता है। खून में सूर्य धूप से मिले विटामिन डी के बढ़ने से उन्हें यह लाभ मिलता है। यही संतान उत्पत्ति में सहायक बनता है। इसके अलावा यह वियाग्रा दवा की भांति भी काम करती है। यह टेस्टोस्टोरेन हार्मोन के बहाव में वृद्धि करती है।
दिमाग सही रहता है:- सूर्य प्रकाश से मिले विटामिन डी से दिमाग स्वस्थ रहता है। यह पागलपन को कम करती है एवं होने से रोकती है। सूर्य से मिले विटामिन से सिजोफेनिया (पागलपन की बीमारी) के खतरे को कम किया जा सकता है। यह दिमाग को स्वस्थ, संतुलित एवं विकसित करता है। गर्भवती के धूप में रहने से जच्चा बच्चा दोनों की हड्डियां एवं मांसपेशियां मजबूत रहती है। दिमाग स्वस्थ रहता है एवं पूर्ण विकसित होता है।
दिल के रोगों को रोकता:- सूर्य से मिले विटामिन डी से हड्डियां, मांसपेशियां मजबूत होती हैं। कैंसर का खतरा कम होता है। चयापचय सुधरता है जिससे मधुमेह एवं हृदय रोग काबू में आ जाता है। धूप दिल की बीमारियों को रोकने में मददगार होती है।
स्वस्थ, निरोगी व दीर्घायु बनाता:- मनुष्य को विटामिन डी की जरूरत का नब्बे प्रतिशत भाग यही सूर्य पूर्ण करता है। इससे मिला विटामिन डी मनुष्य को स्वस्थ निरोगी एवं दीर्घायु बनाता है। इससे स्वास्थ्य समस्या में बहुत कमी हो जाती है। यह हड्डियों एवं मांसपेशियों को मजबूत बनाने के साथ अस्थि भंगुर होने, फ्रैक्चर होने से बचाती है।
हड्डी रोगों व दर्द दूर होता है:- दैनिक कोमल धूप के सेवन से हड्डी रोग नहीं होता। जोड़ों में दर्द से आराम मिलता है। दैनिक क्रियाओं में सुविधा होती है।
सावधानी:- कोमल धूप सेवनीय होता है किंतु तेज धूप से नुकसान होता है।
