केंद्र तमिलनाडु के मछुआरे और कच्चातीवु का मुद्दा श्रीलंकाई प्रधानमंत्री के समक्ष उठाए : स्टालिन

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चेन्नई, 16 अक्टूबर (भाषा) तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने बृहस्पतिवार को केंद्र सरकार से आग्रह किया कि वह 16 से 18 अक्टूबर तक श्रीलंकाई प्रधानमंत्री की भारत यात्रा के दौरान मछुआरों की सुरक्षा और कच्चातीवु द्वीप की पुन: प्राप्ति से संबंधित मुद्दों को उनके समक्ष उठाए।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लिखे एक पत्र में उन्होंने बताया कि श्रीलंकाई प्रधानमंत्री हरिनी अमरसूर्या की दिल्ली यात्रा पाक खाड़ी के मछली पकड़ने के पारंपरिक समुद्री क्षेत्र में भारतीय मछुआरों के सामने आने वाली लगातार चुनौतियों का समाधान करने का एक मूल्यवान अवसर प्रस्तुत करती है।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘श्रीलंकाई नौसेना द्वारा उत्पीड़न, हमलों और गिरफ्तारी की बार-बार होने वाली घटनाओं के कारण तमिलनाडु के मछुआरा समुदायों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।’’

उन्होंने प्रधानमंत्री से कहा, ‘‘2021 से अब तक 106 अलग-अलग घटनाओं में 1,482 मछुआरों और 198 मछली पकड़ने वाली नौकाओं को पकड़ा गया है, जिससे इन समुदायों को संकट और आर्थिक नुकसान हुआ है।’’

स्टालिन ने कहा कि उन्होंने इससे पहले 11 मौकों पर प्रधानमंत्री कार्यालय के समक्ष यह मामला उठाया था और विदेश मंत्री को 72 बार ज्ञापन दिया था।

उनके अनुसार, तमिलनाडु के मछुआरे पारंपरिक रूप से कच्चातीवु द्वीप के आसपास के जलक्षेत्र में मछली पकड़ते रहे हैं, जो ऐतिहासिक रूप से भारत का हिस्सा था।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘केंद्र सरकार ने इस द्वीप को श्रीलंका को हस्तांतरित कर दिया। परिणामस्वरूप, हमारे मछुआरों की अब अपने पारंपरिक मछली पकड़ने के क्षेत्र तक पहुंच प्रतिबंधित है और उन्हें घुसपैठ के आरोप में अक्सर उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है।’’

उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से कच्चातीवु को पुनः प्राप्त करने तथा पाक खाड़ी क्षेत्र में तमिलनाडु के मछुआरों के पारंपरिक मछली पकड़ने के अधिकारों की बहाली के लिए अमरसूर्या के साथ बातचीत शुरु करने का आग्रह किया।

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