ईमानदार करदाताओं के साथ विनम्र एवं सहानुभूतिपूर्ण व्यवहार करें: सीतारमण ने जीएसटी अधिकारियों से कहा
Focus News 24 October 2025 0
गाजियाबाद, 24 अक्टूबर (भाषा) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि जीएसटी अधिकारियों को ईमानदार करदाताओं के साथ विनम्र एवं सहानुभूतिपूर्ण व्यवहार करना चाहिए।
उन्होंने अधिकारियों से तेजी से पंजीकरण मंजूरी एवं शिकायत निवारण के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करने और क्षेत्रीय इकाइयों से सक्रिय रूप से व्यापार करने में सुगमता लाने का भी आह्वान किया।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘ आपके और व्यापारी के बीच कोई लोहे की दीवार नहीं है, बस हवा का एक झोंका है। आप समझ सकते हैं कि समस्या कहां है, बजाय इसके कि उसे और उलझाएं।’’
गाजियाबाद में सीजीएसटी भवन के उद्घाटन के अवसर पर मंत्री ने केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के अधिकारियों के खिलाफ किसी भी अनुशासनात्मक कार्यवाही को समय पर पूरा करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि इससे सीबीआईसी बोर्ड की ओर से यह स्पष्ट संदेश जाएगा कि अधिकारियों द्वारा किसी भी प्रकार का कदाचार, कर्तव्यहीनता या अनैतिक व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
सीतारमण ने कहा कि कर प्रशासन का अंतिम लक्ष्य ईमानदार करदाताओं के लिए जीवन को आसान बनाना है और ऐसा करने के लिए जीएसटी अधिकारियों को निर्धारित मानक प्रक्रिया का पालन करना चाहिए और अधिक सहानुभूति एवं शिष्टाचार दिखाना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘ यह महत्वपूर्ण है कि आप विनम्र बने रहें। अगली पीढ़ी का जीएसटी केवल दरों, श्रेणियों, सरलीकरण के बारे में नहीं है। इससे करदाता को अलग महसूस होना चाहिए।’’
मंत्री ने कहा कि विनम्रता को हालांकि कानून व नियम के साथ समझौते के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।
ईमानदार करदाताओं के साथ ‘‘सम्मानजनक व्यवहार’’ की वकालत करते हुए सीतारमण ने यह भी कहा कि ‘‘बुरे लोगों’’ को कानून के दायरे में लाने के लिए निर्धारित मानक प्रक्रिया का पालन किया जाना चाहिए…‘‘लेकिन हर किसी को संदेह की नजर से न देखें।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ मैं बेईमान करदाताओं को किसी भी तरह से राहत नहीं देना चाहती। आपको उनके (बेईमान करदाताओं) साथ व्यक्तिपरक होने की जरूरत नहीं है, निर्धारित मानदंड हैं उनके साथ उसी तरह व्यवहार करें…विनम्र रहें और मानक प्रक्रिया के अनुसार अपना काम करें।’’
मंत्री ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) अधिकारियों से जीएसटी पंजीकरण चाहने वाले करदाताओं पर अनुपालन का बोझ कम करने के लिए प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करने का भी आग्रह किया।
उन्होंने कहा, ‘‘ प्रौद्योगिकी और जोखिम-आधारित मानकों को ही यह काम करना चाहिए, न कि करदाता को। हम नहीं चाहते कि क्षेत्रीय स्तर पर कोई भी व्यक्ति करदाता पर थोड़ा बोझ या जिम्मेदारी डालें। प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। आप स्थिति पर गहराई से गौर करें और जरूरत पड़ने पर करदाता से संपर्क किया जा सकता है। यह कहकर जिम्मेदारी उस पर नहीं डाली जानी चाहिए कि मुझे और कागज दो, मुझे यह दो, मुझे वह दो।’’
सीतारमण ने अधिकारियों से केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) क्षेत्रों में बार-बार पेश होने वाली समस्याओं का पता लगाने और उसके ‘‘मूल कारण’’ तक पहुंचने को भी कहा।
विभागीय अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही के मुद्दे पर मंत्री ने कहा कि ऐसी कार्यवाही का शीघ्र निपटारा संगठन के भीतर जवाबदेही को मजबूत करता है। इससे जनता की यह धारणा भी दूर होती है कि अधिकारियों में एक हद तक उदासीनता या संरक्षणवाद है जो उनके नैतिक अधिकार को कमजोर करता है।
उन्होंने कहा कि इसलिए अनुशासनात्मक मामलों का आदर्श वाक्य ‘‘गलत किया है तो खैर नहीं, सही किया तो कोई भय नहीं’’ होना चाहिए।
सीतारमण ने कहा कि लंबित जीएसटी जांचों को शीघ्रता से, तर्कपूर्ण और साक्ष्य-आधारित गुणवत्तापूर्ण आदेशों के साथ पूरा किया जाना चाहिए और मुकदमेबाजी की लागत को कम करना चाहिए।
