हथियारों के बल पर बस्तर की शांति भंग करने वालों को मुंहतोड़ जवाब देंगे सुरक्षा बल: अमित शाह

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जगदलपुर, चार अक्टूबर (भाषा) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को माओवादियों से किसी भी तरह से बातचीत की संभावना से इंकार करते हुए कहा कि वे आत्मसमर्पण करें और बस्तर के विकास में सहभागी बनें।

शाह ने जगदलपुर के लालबाग परेड मैदान में आयोजित बस्तर दशहरा लोकोत्सव, 2025 और ‘स्वदेशी मेला’ के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एक बार फिर 31 मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद के खात्मे के संकल्प को दोहराया।

गृह मंत्री ने कहा कि हथियारों के बल पर बस्तर की शांति भंग करने वालों को सुरक्षा बल मुंहतोड़ जवाब देंगे।

शाह ने बस्तर क्षेत्र की जनता को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मैं सभी आदिवासी भाइयों बहनों को कहना चाहता हूं कि आपके ग्राम के युवाओं को हथियार डालने के लिए समझाइए। वह हथियार डाल दें, मुख्यधारा में आएं तथा बस्तर के विकास में सहभागी बनें।’’

उन्होंने कहा, ‘‘कुछ लोग वार्ता की बात करते हैं, मैं फिर से एक बार स्पष्ट कर देता हूं, हमारी दोनों सरकारें – छत्तीसगढ़ और केंद्र सरकार – बस्तर और नक्सल प्रभावित हर क्षेत्र के विकास को समर्पित है, किस चीज की वार्ता करनी है, बहुत मोहक आत्मसमर्पण नीति हमने बनाई है, आइए हथियार डाल दीजिए। हथियार के बल पर बस्तर की शांति को अगर आपने छिन्न-भिन्न करने का काम किया तो हमारे सशस्त्र बल इसका जवाब देंगे। 31 मार्च 2026 की तिथि नक्सलवाद को इस देश की भूमि पर से विदाई देने के लिए तय है।’’

केंद्रीय गृह मंत्री ने नक्सलवाद को बस्तर के विकास के लिए सबसे बड़ा रोड़ा बताया और विश्वास जताया कि अगले वर्ष तक यह समस्या समाप्त हो जाएगी।

शाह ने कहा, ‘‘आज सुबह मैंने दंतेश्वरी माई का दर्शन और पूजन किया। मां के चरणों में प्रार्थना की है कि 31 मार्च, 2026 को पूरे बस्तर क्षेत्र को लाल आतंक से मुक्त करने की हमारी सुरक्षा बलों को शक्ति दे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली में कुछ लोगों ने वर्षों तक भ्रांति फैलाई कि नक्सलवाद का जन्म विकास की लड़ाई है, पर मैं आदिवासी भाइयों को बताने आया हूं कि पूरा बस्तर विकास से महरूम रहा, विकास आप तक नहीं पहुंचा है इसका मूल कारण नक्सलवाद है। आज देश के हर गांव में बिजली, पीने का पानी, रोड, हर घर में शौचालय, पांच लाख तक का स्वास्थ्य का बीमा, पांच किलो मुफ्त चावल और आपके धान को 3100 रूपए (प्रति क्विंटल) तक पहुंचाने की व्यवस्था हुई है। लेकिन बस्तर इसमें पीछे रह गया है।’’

शाह ने कहा, ‘‘मैं आज (प्रधानमंत्री नरेन्द्र) मोदी जी की ओर से आपको भरोसा दिलाना चाहता हूं कि 31 मार्च 2026 के बाद नक्सलवादी आपके विकास को नहीं रोक पाएंगे। आपके अधिकार को नहीं रोक पाएंगे। काफी कुछ काम हुआ है काफी कुछ काम बाकी है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं आप सभी से अपील करने भी आया हूं कि जो बच्चे गुमराह होकर नक्सलवाद से जुड़े हैं, आप ही के गांव के हैं, उनको समझाइए कि शस्त्र डाल दें और मुख्य धारा में आ जाएं। छत्तीसगढ़ शासन ने भारत में सबसे अच्छी आत्मसमर्पण नीति बनाई है। एक ही माह में 500 से ज्यादा लोगों ने हथियार डाले हैं। सभी लोग हथियार डालें। आपका गांव नक्सली मुक्त होते ही गांव के विकास के लिए एक करोड़ रुपए छत्तीसगढ़ शासन आपको देगा। नक्सलवाद से किसी का भला नहीं होगा।’’

शाह ने इस दौरान सभी से स्वदेशी वस्तुओं को अपनाने का अनुरोध किया और कहा कि यदि भारत के 140 करोड़ लोग स्वदेशी के संकल्प को आत्मसात करेंगे तब भारत को सर्वोच्च आर्थिक व्यवस्था बनने से कोई नहीं रोक सकेगा।

केंद्रीय गृह मंत्री ने इससे पहले जगदलपुर में मां दंतेश्वरी मंदिर में पूजा-अर्चना की तथा विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा उत्सव के तहत आयोजित होने वाले पारंपरिक आयोजन ‘मुरिया दरबार’ में हिस्सा लिया। मुरिया दरबार में शाह ने पुजारियों और आदिवासी समुदाय के नेताओं से बातचीत की।

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