सबरीमला स्वर्ण विवाद : केरल विधानसभा की कार्यवाही चौथे दिन भी हंगामे के कारण बाधित

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तिरुवनंतपुरम, नौ अक्टूबर (भाषा) कांग्रेस नीत संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) ने सबरीमला में स्थित भगवान अयप्पा मंदिर में ‘द्वारपालक’ (संरक्षक देवता) की मूर्तियों पर सोने की परत चढ़ाने में कथित अनियमितताओं के मुद्दे पर बृहस्पतिवार को लगातार चौथे दिन केरल विधानसभा की कार्यवाही बाधित की, जिससे सदन को थोड़ी देर के लिए स्थगित कर दिया गया।

विधानसभा की कार्यवाही बहाल होने पर विपक्षी यूडीएफ ने कार्यवाही का बहिष्कार किया।

सत्तारूढ़ मोर्चे के विधायकों ने दावा किया कि यूडीएफ विधायकों के शोरगुल के कारण वे अपना पक्ष रखने में असमर्थ हैं, जिसके बाद अध्यक्ष ए एन शमशीर ने सदन की कार्यवाही कुछ देर के लिए स्थगित कर दी।

विपक्षी सदस्यों और ‘वॉच एंड वार्ड’ कर्मियों (सुरक्षाकर्मी) के बीच धक्का-मुक्की भी हुई।

सुबह करीब 10.30 बजे सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर शमसीर ने कहा कि विपक्ष के साथ धक्का-मुक्की के बाद सुरक्षाकर्मी के चीफ मार्शल घायल हो गए और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

इसके जवाब में विपक्ष के नेता वी.डी. सतीशन ने दावा किया कि चीफ मार्शल वही हैं जिन्होंने पहले भी फर्जी चोट का प्रमाण पत्र बनवाया था।

इस पर, अध्यक्ष ने कहा कि मौजूदा चीफ मार्शल कोई और व्यक्ति हैं।

सतीशन ने यह भी कहा कि जब मंत्रियों ने सदन में विपक्ष के बारे में अनुचित टिप्पणियां कीं तो शमसीर चुप रहे।

विपक्षी नेता ने कहा कि यूडीएफ सदन की कार्यवाही का पूरी तरह से बहिष्कार कर रहा है और अगर मंदिर में अनियमितताओं के संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की गई, तो विधानसभा के अंदर और बाहर विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।

विपक्ष के विधानसभा कक्ष से बाहर जाने के बाद सदस्य इसके दरवाजे के बाहर सीढ़ियों पर बैठ गए । उन्होंने सबरीमला में सोने के मुद्दे पर सरकार के खिलाफ नारे लगाए और भवन से बाहर चले गए।

सदन में विपक्ष के विरोध और उसके बाद उसके बहिष्कार पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राज्य के संसदीय कार्य मंत्री एम बी राजेश ने कहा कि सतीशन की टिप्पणियों से संकेत मिलता है कि वह यूडीएफ विधायकों की हिंसा को बढ़ावा दे रहे और उचित ठहरा रहे हैं।

उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि भले ही यूडीएफ अदालत में, विधानसभा में, चर्चाओं में और लोगों के सामने हार गया हो, लेकिन ‘‘हम उनका मजाक नहीं उड़ाने जा रहे हैं।’’

सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होते ही सतीशन खड़े हुए और कहा कि यूडीएफ इस मुद्दे पर अपना विरोध जारी रखेगा। यूडीएफ पिछले तीन दिनों से सदन में विरोध प्रदर्शन कर रहा है।

सतीशन ने मुख्यमंत्री पिनराई विजयन द्वारा एक विपक्षी विधायक के खिलाफ कथित तौर पर ‘बॉडी शेमिंग’ (कद काठी का मजाक उड़ाने वाली) संबंधी टिप्पणियों का भी मुद्दा उठाया।

उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष ए. एन. शमशीर पर निष्पक्ष तरीके से काम न करने का आरोप लगाया।

इसके बाद उन्होंने आरोप लगाया कि असली मूर्तियां भारी कीमत पर बेची गई हैं और उन्होंने इसमें शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

विपक्ष ने यह भी मांग की कि राज्य के देवस्वओम मंत्री वी एन वासवन को इस्तीफा दे देना चाहिए और त्रावणकोर देवस्वओम बोर्ड (टीडीबी) को भंग कर देना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘तब तक हम अपना विरोध जारी रखेंगे।’’

इसके बाद विपक्ष के सदस्यों ने आगे आ कर अध्यक्ष के आसन के समक्ष एक बैनर लहराया, जिस पर लिखा था कि सोना तांबे में बदल गया।

इसी समय विधानसभा के ‘वॉच एंड वार्ड’ कर्मी (सुरक्षाकर्मी) भी सदन में आ गए और अध्यक्ष के आसन के सामने ढाल बनकर खड़े हो गए।

जब विपक्षी विधायकों ने अध्यक्ष के आसन के सामने बैनर उठाया तो शमसीर ने सुरक्षाकर्मियों को निर्देश दिया कि वे इसे हटा दें, क्योंकि इसके कारण वह सदन को देख नहीं पा रहे थे।

विपक्ष के इस कदम पर प्रतिक्रिया देते हुए राजेश ने कहा कि सतीशन का बयान ‘‘हिंसा का आह्वान’’ है और उन्होंने तर्क दिया कि मुख्यमंत्री के खिलाफ उनके आरोप तथ्यों से परे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री ने किसी का नाम नहीं लिया।’’

विजयन ने यूडीएफ द्वारा सदन की कार्यवाही में बाधा डाले जाने के बाद बुधवार को विधानसभा में विपक्ष के एक विधायक के छोटे कद का तौर पर मजाक उड़ाया था।

एक दिन पहले, सबरीमला में मूर्तियों पर चढ़ी सोने की परत के कम वजन को लेकर देवस्वओम मंत्री के इस्तीफे की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे यूडीएफ के सदस्यों और ‘वॉच एंड वार्ड’ कर्मियों के बीच हाथापाई भी हुई थी।

गौरतलब है कि सबरीमला में मूर्तियों पर चढ़ी सोने की परत के कम वजन को लेकर सोमवार से विधानसभा में विपक्षी यूडीएफ प्रदर्शन कर रहा है।

वजन में कमी का मामला इस वर्ष उच्च न्यायालय को सूचित किए बिना मूर्ति की बाहरी परत को पुनः स्वर्ण-लेपन के लिए भेजने के निर्णय पर अदालती कार्यवाही के दौरान प्रकाश में आया।

सुनवाई के दौरान यह पाया गया कि पिछली बार जब 2019 में सोने की परत चढ़ाने के लिए मंदिर से तांबे की प्लेटों को निकाला गया था, तो उनका (सोने से मढ़ी प्लेटों का) वजन लगभग 4.5 किलोग्राम कम हो गया था। यह एक ऐसा तथ्य है जिसकी जानकारी देवस्वोम अधिकारियों ने नहीं दी।

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