कीव, तीन अक्टूबर (एपी) यूक्रेन के बिजली संयंत्रों पर लगातार की जा रही रूस की बमबारी से देश के परमाणु प्रतिष्ठानों की सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को बताया कि एक ड्रोन हमले के बाद उत्तरी यूक्रेन में 1986 के चेर्नोबिल परमाणु आपदा स्थल की बिजली आपूर्ति तीन घंटे से अधिक समय तक बाधित रही थी।
कुछ दिन पहले दक्षिण-पूर्वी यूक्रेन में रूस के कब्जे वाले जापोरिजिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र पर हुए हमलों के बाद बिजली आपूर्ति ठप हो गई थी। इसके लिए दोनों देशों ने एक दूसरे को जिम्मेदार ठहराया था।
चेर्नोबिल और जापोरिजिया दोनों ही वर्तमान में बंद हैं लेकिन संभावित परमाणु दुर्घटना से बचने के लिए वहां शीतलन प्रणालियों को चालू रखना जरूरी है और इसके लिए निरंतर बिजली आपूर्ति की आवश्यकता होती है।
बिजली आपूर्ति ठप होने से, चेर्नोबिल में सुरक्षा बढ़ाने के लिए स्थापित और संयुक्त राष्ट्र की अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी द्वारा संचालित विकिरण निगरानी प्रणालियां भी अवरुद्ध हो सकती हैं।
यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदिमीर ज़ेलेंस्की ने बुधवार देर रात कहा, ‘‘ रूस जानबूझकर विकिरण का खतरा पैदा कर रहा है।’’
उन्होंने संयुक्त राष्ट्र परमाणु निगरानी संस्था और उसके प्रमुख राफेल मारियानो ग्रॉसी की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने इस खतरे के प्रति कमजोर प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
जेलेंस्की ने कहा, ‘‘ रूस के युद्ध का हर दिन, हमारी ऊर्जा केन्द्रों पर हर हमला, एक वैश्विक ख़तरा है। कमज़ोर और आधे-अधूरे उपाय काम नहीं आएंगे। सख़्त कार्रवाई ज़रूरी है।’’
वहीं रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के इस दावे को खारिज किया कि रूस जापोरिजिया संयंत्र के आसपास बिजली लाइनों पर गोलाबारी कर रहा है।
इसके ठीक विपरीत उन्होंने मास्को नियंत्रित संयंत्र पर हमले के लिए यूक्रेन को दोषी ठहराया, तथा चेतावनी दी कि रूस भी उसी तरह की कार्रवाई कर सकता है।