नयी दिल्ली, 14 अक्टूबर (भाषा) प्रधानमंत्री कार्यालय के शीर्ष अधिकारी पी के मिश्रा ने कहा है कि आपदा जोखिम को कम करना कोई लागत नहीं, बल्कि विश्व के साझा भविष्य में एक सामूहिक निवेश है।
दक्षिण अफ्रीका के केप टाउन में जी-20 आपदा जोखिम न्यूनीकरण मंत्रिस्तरीय बैठक को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रधान सचिव मिश्रा ने कहा कि भारत अनेक खतरों की पूर्व चेतावनी प्रणालियों को आगे बढ़ाने, पूर्वानुमानित कार्रवाई के लिए अग्रिम वित्तपोषण का लाभ उठाने और लचीलेपन के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।
मिश्रा ने 2023 में जी-20 डीआरआर कार्य समूह के गठन में भारत की अग्रणी भूमिका पर भी जोर दिया।
उन्होंने आपदा रोधी अवसंरचना गठबंधन (सीडीआरआई) के माध्यम से भारत के नेतृत्व को दोहराया, जिसने 50 देशों को तकनीकी सहायता प्रदान की है।
मिश्रा ने साझेदारी की भावना को बढ़ावा देने और आपदा जोखिम न्यूनीकरण एजेंडे के अंतर्गत अफ्रीका के दृष्टिकोण को बढ़ाने के लिए दक्षिण अफ्रीका की जी-20 अध्यक्षता की सराहना की।
मंत्रिस्तरीय बैठक में 13 अक्टूबर को, अंतरराष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस के अवसर पर, ‘सभी के लिए लचीलापन: एकजुटता, समानता और स्थिरता के माध्यम से आपदा जोखिम न्यूनीकरण को सुदृढ़ बनाना’ घोषणापत्र को अपनाया गया।
डीआरआर में निवेश के लिए स्वैच्छिक उच्च-स्तरीय सिद्धांतों पर मंत्रिस्तरीय गोलमेज सम्मेलन के दौरान, मिश्रा ने जोखिम सूचना, वित्तपोषण रणनीति, नवाचार और स्थानीय स्तर के निवेश पर आधारित भारत के एकीकृत दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला।
मिश्रा ने घोषणापत्र की प्रतिबद्धताओं को घरेलू स्तर पर और अंतरराष्ट्रीय साझेदारियों के माध्यम से आगे बढ़ाने के लिए भारत के प्रतिबद्धता की पुष्टि की।