मुंबई, 19 अक्टूबर (भाषा) आरबीएल बैंक को उम्मीद है कि अमीरात एनबीडी बैंक द्वारा किया जाने वाला तीन अरब डॉलर का निवेश अगले साल जून तक पूरा हो जाएगा। बैंक के एक शीर्ष अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी।
यह निवेश वित्तीय सेवा क्षेत्र में सबसे बड़ा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश है।
प्रबंधन ने कहा कि आरबीएल बैंक भारत में संचालित एनबीडी की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी के साथ विलय करेगा और सौदे के बाद एक सूचीबद्ध अनुषंगी विदेशी बैंक कंपनी बन जाएगा।
आरबीएल के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी आर सुब्रमण्य कुमार ने यहां संवाददाताओं से कहा, “हमारी आकांक्षा कई गुना वृद्धि की है और पूंजी इसमें मददगार होगी। अब हम एक मध्यम आकार के छोटे बैंक हैं। हमारी आकांक्षा बड़े बैंकों की श्रेणी में शामिल होने की है।”
जब उनसे विशेष रूप से पूछा गया कि क्या यह शीर्ष पांच निजी क्षेत्र के ऋणदाताओं में शामिल होगा, तो उन्होंने कहा कि अगले तीन से पांच वर्षों में, आरबीएल बैंक देश में कार्यरत बड़े बैंकों के साथ एक बड़ा बैंक होगा।
विलय प्रक्रिया की व्याख्या करते हुए, उन्होंने बताया कि बैंक बड़े ऋण चेक जारी करके अपने कॉर्पोरेट बुक को बढ़ाएगा और एनबीडी के साथ यह सौदा इसे धन प्रबंधन व्यवसाय में भी प्रवेश करने में मदद करेगा।
बैंक के रणनीति प्रमुख जयदीप अय्यर ने कहा कि एनबीडी से फंड आने में पांच से आठ महीने लगेंगे।