जयपुर, पांच अक्टूबर (भाषा) राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने रविवार को कहा कि राज्य सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में ऐतिहासिक कार्य किए हैं और परीक्षा प्रणाली में पारदर्शिता स्थापित की है।
वह यहां केशव विद्यापीठ में अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के नौवें अधिवेशन के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी सरकार ने परीक्षा प्रणाली में पारदर्शिता स्थापित की, जबकि पूर्ववर्ती सरकार के समय में केवल पेपर लीक ही हुए हैं।’’ उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पांच साल में चार लाख युवाओं को सरकारी नौकरी देने के लक्ष्य पर काम कर रही है जिसमें से लगभग 91 हजार युवाओं को नौकरी दी जा चुकी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने लघु, सीमांत, बटाईदार किसानों और खेतिहर श्रमिकों के बच्चों के लिए सत्र 2024-25 से राजकीय महाविद्यालयों में राजकीय निधि कोष में लिये जाने वाला शुल्क पूरी तरह माफ किया है। उन्होंने कहा, ‘‘यह निर्णय समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को सशक्त बनाने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। साथ ही, हमने वंचित वर्ग के बच्चों के लिए शुल्क माफी, छात्रवृत्तियां और विशेष प्रावधान भी किए हैं।’’
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के प्रतिभाशाली युवाओं को विदेशों में रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से भाषायी विद्यालय शुरू करने जा रही है और इसके तहत राज्य में ही विभिन्न विदेशी भाषाओं की परीक्षाएं आयोजित होंगी।
आधिकारिक बयान के अनुसार शर्मा ने कहा कि शिक्षक ज्ञान के वाहक हैं, जो राष्ट्र के भविष्य का निर्माण करते हैं। उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के शिक्षक भारत को ज्ञान में विश्व गुरु, संस्कृति में समृद्ध, मूल्यों में अग्रणी और चरित्र में श्रेष्ठ बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे है।
उपमुख्यमंत्री डॉ प्रेमचंद बैरवा ने कहा कि महासंघ से जुड़े शिक्षक राष्ट्र निर्माण के कार्य में समर्पित होकर कार्य कर रहे हैं और वे समाज को अंधकार से प्रकाश की ओर ले जा रहे है।
स्कूली शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि मुख्यमंत्री शर्मा के नेतृत्व में शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान पहले शिक्षा के क्षेत्र में 11वें स्थान पर था, जो राज्य सरकार के प्रयासों से तीसरे स्थान पर पहुंच गया है।
महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. नारायण लाल गुप्ता ने कहा कि महासंघ शिक्षक हितों के साथ साथ शिक्षा, समाज और राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका रहा है।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिवेशन की स्मारिका ‘शिक्षक-राष्ट्र के लिए’, कैलेण्डर तथा ‘शैक्षिक मंथन विकसित भारत-2047’ पुस्तिका का विमोचन भी किया।