चेन्नई, 21 अक्टूबर (भाषा) चेन्नई और तमिलनाडु के अन्य हिस्सों में मंगलवार को व्यापक बारिश हुई और राज्य में छिटपुट स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार चेन्नई के कुछ हिस्सों में 63.5 मिलीमीटर, रामनाथपुरम में 149 मिलीमीटर और नागपट्टनम में 90 मिलीमीटर बारिश को छोड़कर तमिलनाडु के शेष इलाकों में मंगलवार को 50 मिलीमीटर से कम वर्षा की संभावना है।
इस बीच, उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन ने दक्षिण चेन्नई क्षेत्र में जलमार्गों को बेहतर बनाने और मानसून के मौसम में बाढ़ का पानी आसानी से समुद्र में जा सके, इसके लिए किए जा रहे बुनियादी ढांचे के विकास और नवीनीकरण कार्यों का निरीक्षण किया।
इन कार्यों में ज्यादा गहराई तक खुदाई करना, संकरे जलमार्गों को चौड़ा करना, ढकी नहरों का निर्माण, जल निकासी के साथ-साथ उन क्षेत्रों से गाद निकालना शामिल है जहां नहरें समुद्र और मुहाने वाले क्षेत्रों से मिलती हैं।
एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि उदयनिधि ने ओक्कियम माधवी नहर का दौरा किया जहां 27 करोड़ रुपये की लागत से काम जारी है। उन्होंने कन्नगी नगर क्षेत्र में गाद निकालने के काम का भी निरीक्षण किया।
रामनाथपुरम, पुडुकोट्टई, तंजावुर, तिरुवरुर, नागपट्टनम, मयिलादुथुराई, कुड्डालोर जिलों के साथ-साथ पुडुचेरी और कराईकल क्षेत्रों में अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है। वहीं, एक-दो स्थानों पर गरज के साथ बारिश और बिजली गिरने की भी संभावना है।
‘तमिलनाडु सिस्टम फॉर मल्टी-हैजर्ड पोटेंशियल इम्पैक्ट असेसमेंट, अलर्ट, इमरजेंसी रेस्पांस प्लानिंग एंड ट्रैकिंग’ (टीएनस्मार्ट) के अनुसार, मंगलवार को रामनाथपुरम के थंगाचिमादम और मंडपम में क्रमशः 170 मिलीमीटर और 143 मिलीमीटर बारिश होगी।
विरुधुनगर के वत्राप में 0.2 मिलीमीटर और चेन्नई के आइस हाउस में 0.3 मिलीमीटर बारिश होने का अनुमान है।
स्थानीय किसानों ने बताया कि पिछले दो दिनों से तिरुनेलवेली जिले के अंबासमुद्रम और उसके आसपास लगातार हो रही बारिश से हजारों एकड़ धान की फसल की कटाई प्रभावित हुई है।
काकनल्लूर गांव के एक किसान सुब्रमण्यम ने ‘पीटीआई-वीडियो’ से कहा कि इस साल दक्षिण-पश्चिम और उत्तर-पूर्वी मानसून के बीच कोई राहत नहीं मिलने के कारण उनके पास धान की कटाई का समय नहीं था।
सुब्रमण्यम ने कहा, ‘‘खेतों में अब भी धान की पकी हुई फसल खड़ी है। अगर बारिश जारी रही तो यहां के किसान प्रभावित होंगे। सरकार हमारा बोझ कम करने के लिए एक काम यह कर सकती है कि फसल कटते ही घर-घर जाकर धान की खरीद शुरू कर दे।’’
सुब्रमण्यम के अनुसार कुछ लोग धान की फसल काटने में कामयाब भी हो गए थे लेकिन उत्तर पूर्व मानसून के समय से पहले आ जाने के कारण उन्हें एकत्रित नहीं किया जा सका।
पूर्वोत्तर मानसून तिरुनेलवेली में तेज हो गया है जिससे मन्नारकोइल, अयान, तिरुवलीस्वरम, काकनल्लूर, वैगाइकुलम और ब्रमाडेसम जैसे कृषि प्रधानता वाले गांव प्रभावित हुए हैं।