नयी दिल्ली, तीन अक्टूबर (भाषा) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि भारत में निजी क्षेत्र के निवेश के लिए अवसर दिखने लगे हैं, खासकर सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) परियोजनाओं में रुचि बढ़ रही है।
उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्ष में सार्वजनिक व्यय में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है और सरकार पूंजीगत व्यय जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध है।
यह पूछे जाने पर कि सरकार हर साल सकल घरेलू उत्पाद (जीडपी) का कितना प्रतिशत निवेश के लिए निर्धारित करेगी, सीतारमण ने कहा, ‘‘पिछले पांच वर्ष में यह (पूंजीगत व्यय) आंकड़ा हर साल काफी बढ़ा है। पूंजीगत व्यय के लिए प्रतिबद्धता केवल बढ़ी ही नहीं, बल्कि काफी स्थिर भी हो गई है। यह प्रतिबद्धता कायम है।’’
कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान आर्थिक गति बनाए रखने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने बुनियादी ढांचे में निवेश करके पूंजीगत व्यय में वृद्धि की।
सरकार ने 2025-26 (अप्रैल-मार्च) के लिए कुल पूंजीगत व्यय का लक्ष्य 11.21 लाख करोड़ रुपये रखा है। चालू वित्त वर्ष के पहले चार महीनों में पूंजीगत व्यय सालाना आधार पर 33 प्रतिशत बढ़कर 3.47 लाख करोड़ रुपये हो गया है।
कौटिल्य आर्थिक सम्मेलन 2025 में यहां सीतारमण ने कहा कि भारत में निजी निवेश के अवसर दिखने लगे हैं। सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) परियोजनाओं के लिए निजी क्षेत्र में रुचि फिर से बढ़ रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘ मैं देख सकती हूं कि निजी निवेश को अवसर मिलने लगे हैं। हाल ही में, मैं भारत में सार्वजनिक एवं निजी निवेश में अच्छी-खासी वृद्धि देख रही हूं।’’