नयी दिल्ली, 22 अक्टूबर (भाषा) रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ तीनों सेनाओं के तालमेल का एक ‘‘असाधारण’’ प्रदर्शन था और पाकिस्तान भारतीय सेना द्वारा किए गए ‘‘करारे प्रहार’’ से अभी तक उबर रहा है।
सिंह ने कहा कि इस ऑपरेशन ने उभरती राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए समन्वित, अनुकूलनशील और स्थिति को पहले ही भांपकर रणनीति तैयार करने के भारत के संकल्प की पुष्टि की।
सिंह ने एक पुस्तक के विमोचन समारोह में कहा, ‘‘ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तीनों सेनाओं के बीच असाधारण एकजुटता एवं एकीकरण नजर आया और बदलती वैश्विक व्यवस्था और युद्ध के विकसित होते तरीकों से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने के लिए समन्वित, अनुकूलनशील और स्थिति को पहले ही भांपकर रक्षा रणनीति तैयार करने के सरकार के संकल्प की पुष्टि की।’’
रक्षा मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि आज के समय में रक्षा का पारंपरिक दृष्टिकोण पर्याप्त नहीं है क्योंकि युद्ध केवल सीमाओं पर ही नहीं लड़े जाते, बल्कि वे अब ‘हाइब्रिड’ और विषम रूप ले चुके हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ-साथ देश की रणनीतिक स्वायत्तता सुनिश्चित करने हेतु भविष्य के लिए तैयार सेना बनाने के मकसद से कई ‘‘साहसिक और निर्णायक’’ सुधार किए हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘ इन ऐतिहासिक कदमों में से एक कदम प्रमुख रक्षा अध्यक्ष के पद का सृजन था, जो तीनों सेनाओं के बीच समन्वय और तालमेल को मजबूत करने में मील का पत्थर साबित हुआ।’’
सिंह ने कहा, ‘‘ऑपरेशन सिंदूर के दौरान एकजुटता और एकीकरण का परिणाम पूरी दुनिया ने देखा। पाकिस्तान हमारे सशस्त्र बलों द्वारा किए गए करारे प्रहार से अब भी उबर रहा है।’’