चक्रवात ‘मोंथा’ प्रभावितों के लिए 2,000 से अधिक आपदा राहत केंद्र खोले गए: ओडिशा के मुख्यमंत्री

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भुवनेश्वर, 28 अक्टूबर (भाषा) ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने मंगलवार को कहा कि उनकी सरकार चक्रवात ‘मोंथा’ से उत्पन्न चुनौतियों का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार है और इस भीषण चक्रवाती तूफान से प्रभावित होने वाले लोगों के लिए आठ दक्षिणी जिलों में 2,000 से अधिक आपदा राहत केंद्र खोले गए हैं।

उन्होंने कहा कि 11,396 लोगों को राज्य सरकार द्वारा खोले गए 2,048 आपदा राहत केंद्रों में स्थानांतरित किया गया है।

माझी ने एक उच्च स्तरीय बैठक में राज्य सरकार की तैयारियों की समीक्षा के बाद यह बात कही। बैठक में राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी, मुख्य सचिव मनोज आहूजा, पुलिस महानिदेशक वाई बी खुरानिया और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।

माझी ने कहा, “आईएमडी के पूर्वानुमान के अनुसार, ‘मोंथा’ तूफान आंध्र प्रदेश में दस्तक देगा और ओडिशा पर इसका निश्चित रूप से असर पड़ेगा। राज्य में अत्यधिक भारी वर्षा होगी और अपेक्षाकृत कम तीव्र हवा चलेगी।”

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने “जानमान के शून्य नुकसान” के अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सभी एहतियाती कदम उठाए हैं।

उन्होंने कहा कि मलकानगिरी, कोरापुट, रायगढ़ा, गजपति, गंजाम, नबरंगपुर, कालाहांडी और कंधमाल जैसे आठ जिलों के संवेदनशील स्थानों पर निचले इलाकों और पहाड़ी इलाकों से लोगों को निकालने का काम अभी भी जारी है।

उन्होंने कहा कि इन जिलों में अत्यधिक भारी बारिश होगी, जिससे राहत की योजना बनाई गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चिन्हित 2,693 गर्भवती महिलाओं में से 1,871 मां बनने वाली हैं, जिन्हें अब तक अस्पतालों में स्थानांतरित कर दिया गया है तथा गर्भावस्था के अंतिम चरण वाली 822 महिलाओं के एक अन्य समूह को मंगलवार शाम तक स्वास्थ्य केंद्र में लाया जाएगा।

माझी ने बताया कि राज्य सरकार ने प्रभावित होने की आशंका वाले जिलों में 153 बचाव दल तैनात करके अपनी तैयारियों को और पुख्ता कर दिया है। एनडीआरएफ (5 टीम), ओडीआरएएफ (30 टीम) और अग्निशमन सेवा (123 टीम) के 6,000 से अधिक प्रशिक्षित और कुशल कर्मी पहले ही विभिन्न जिलों में तैनात हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि सरकार ने किसी भी आपात स्थिति के लिए और भी बचाव दल तैयार रखा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यटकों को देवमाली और महेंद्रगिरि पहाड़ियों जैसे स्थलों पर प्रवेश से रोक दिया गया है तथा समुद्र के विभिन्न तटों पर लोगों के जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

उन्होंने कहा कि चक्रवात की स्थिति के मद्देनजर नौ जिलों में स्कूल और आंगनवाड़ी केंद्र 30 अक्टूबर तक के लिए बंद कर दिए गए हैं।

यह पूछे जाने पर कि क्या राज्य सरकार ने केंद्र से कोई सहायता मांगी है, माझी ने कहा, “केंद्र ने जरूरत पड़ने पर हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है। फिलहाल, राज्य के पास उपलब्ध संसाधनों से स्थिति को संभाला जा सकता है। इसलिए हमने अभी कोई सहायता नहीं मांगी है। हालांकि, जरूरत पड़ने पर केंद्र से मदद मिलने में कोई समस्या नहीं है।”

राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी ने कहा कि भारतीय तटरक्षक बल ने बंगाल की खाड़ी का निरीक्षण किया है और पुष्टि की है कि चक्रवात मोंथा के प्रभाव में क्षेत्र में समुद्र में कोई मछली पकड़ने वाला या कोई अन्य जहाज नहीं है।

इस बीच, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पूर्व तट रेलवे (ईसीओआर) और दक्षिण मध्य रेलवे (एससीआर) के शीर्ष अधिकारियों के साथ चक्रवात मोंथा के मद्देनजर तैयारियों की समीक्षा की और अधिकारियों को यात्री सुरक्षा, ट्रेनों के लिए नियम बनाने, बहाली योजना और स्थानीय प्रशासन व आपदा प्रबंधन एजेंसियों के साथ समन्वय सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।

एक आधिकारिक नोट में कहा गया है कि चक्रवात ‘मोंथा’ के मद्देनजर और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पूर्व तट रेलवे ने 42 ट्रेनों को रद्द कर दिया है, दो ट्रेनों का मार्ग बदल दिया है, पांच ट्रेनों को कम दूरी तक चलाना तय किया है और आठ ट्रेनों का समय पुनर्निर्धारित किया है।

एक वीडियो संदेश में विपक्ष के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने लोगों से चक्रवात ‘मोंथा’ से निपटने में प्रशासन के साथ सहयोग करने का आग्रह किया।

पटनायक ने कहा, “आप जानते हैं कि चक्रवात ‘मोंथा’ आ रहा है। हमने पहले भी कई चक्रवात का सफलतापूर्वक सामना किया है। इसलिए डरें नहीं। सतर्क रहें। प्रशासन को पूरा सहयोग दें। बीजद कार्यकर्ताओं, भाइयों और बहनों से मेरा अनुरोध है कि वे इस संकट की घड़ी में लोगों के साथ रहें और उनकी मदद करें। हम हमेशा से विभिन्न आपदाओं से मिलकर लड़ते रहे हैं। इस बार भी आइए, हम मिलकर चक्रवात से लड़ें।”

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