मोदी ने की नीतीश सरकार की सराहना, कहा: कुछ लोग कर्पूरी ठाकुर का जननायक सम्मान ‘चुराने की कोशिश में’
Focus News 4 October 2025 0
नयी दिल्ली, चार अक्टूबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के पूर्व शासन के दौरान ‘‘तबाह हुई शिक्षा की स्थिति’’ को राज्य से बड़े पैमाने पर पलायन का एक प्रमुख कारण बताया और हालात में सुधार लाने एवं राज्य को प्रगति के पथ पर अग्रसर करने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार की शनिवार को सराहना की।
बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं।
मोदी ने बिहार के लिए कई परियोजनाओं समेत युवा केंद्रित शिक्षा एवं कौशल विकास पहलों के उद्घाटन कार्यक्रम में कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर भी परोक्ष निशाना साधा जिन्हें कांग्रेस के सदस्य अक्सर ‘जननायक’ कहते हैं। जननायक शब्द का इस्तेमाल ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) नेता और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर के लिए किया जाता रहा है।
मोदी ने गांधी का नाम लिए बिना कहा कि कुछ लोगों द्वारा ठाकुर से जुड़े सम्मान को ‘‘चुराने’’ के प्रयासों के प्रति बिहार के लोगों को सतर्क रहना चाहिए।
उन्होंने कहा कि ठाकुर को जननायक की उपाधि ‘सोशल मीडिया ट्रोल’ ने नहीं दी बल्कि यह उनके प्रति लोगों के प्रेम का प्रतीक है।
मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने दिवंगत ओबीसी नेता को पिछले साल भारत रत्न से सम्मानित किया था।
प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार पर विशेष जोर देते हुए 62,000 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न युवा-केंद्रित पहलों का शनिवार को अनावरण किया।
मोदी ने मुख्यमंत्री कुमार की प्रशंसा करते हुए कहा कि बिहार सरकार ने राज्य के विकास के लिए नए संकल्प लिए हैं और पिछले 20 साल की तुलना में अगले पांच वर्ष में रोजगार पाने वाले लोगों की संख्या को दोगुना करने का निर्णय लिया है।
राज्य में जारी विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान पलायन के मुद्दे के जोर पकड़ने के बीच प्रधानमंत्री ने कहा कि इस योजना का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि बिहार के युवाओं को राज्य में ही रोजगार मिले।
मोदी ने कहा कि जिस पेड़ की जड़ें सड़ चुकी हों, उसे पुनर्जीवित करना एक कठिन काम है और उन्होंने ‘‘विपक्ष के कुशासन के दौरान बिहार की स्थिति’’ की तुलना ऐसे ही एक पेड़ से की।
उन्होंने कहा कि सौभाग्य से बिहार के लोगों ने कुमार को शासन की जिम्मेदारी सौंपी और ‘‘गठबंधन सरकार की पूरी टीम ने पटरी से उतरी व्यवस्था को बहाल करने के लिए सामूहिक रूप से काम किया।’’
मोदी ने कार्यक्रम में बिहार के हजारों युवाओं के शामिल होने का उल्लेख करते हुए जोर देकर कहा कि यह पीढ़ी शायद पूरी तरह से समझ नहीं पाएगी कि दो-ढाई दशक पहले बिहार में शिक्षा व्यवस्था कैसे तबाह हो गई थी।
उन्होंने जोर देकर कहा कि हर माता-पिता की इच्छा होती है कि उनका बच्चा स्थानीय स्तर पर पढ़े और आगे बढ़े लेकिन मजबूरियों के कारण लाखों बच्चों को बिहार छोड़कर बनारस, दिल्ली और मुंबई जैसी जगहों पर पलायन करना पड़ा। उन्होंने इसे पलायन की असली शुरुआत बताया।
उन्होंने कहा कि जिस पेड़ की जड़ें सड़ रही हों, उसे फिर से खड़ा करना बहुत मुश्किल होता है और राजद शासन के दौरान बिहार की यही स्थिति थी। उन्होंने राज्य में बदलाव लाने के लिए राजग सरकार की सराहना की।
मोदी ने कहा, ‘‘भारत दुनिया के सबसे युवा देशों में से एक है और बिहार उन राज्यों में से एक है जहां युवाओं का अनुपात सबसे अधिक है… पिछली विपक्षी सरकारों की तुलना में बिहार का शिक्षा बजट कई गुना बढ़ा दिया गया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आज, बिहार के लगभग हर गांव एवं बस्ती में एक स्कूल है और इंजीनियरिंग एवं मेडिकल कॉलेज की संख्या में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। एक समय था जब बिहार में अंतरराष्ट्रीय स्तर के खेल संबंधी बुनियादी ढांचे का अभाव था लेकिन आज राज्य में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजन हो रहे हैं।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) न केवल औद्योगिक शिक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र हैं बल्कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लिए कार्यशालाओं का भी काम करते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘सरकार आईटीआई की संख्या बढ़ाने और उन्हें लगातार उन्नत बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। देश में 2014 तक केवल 10,000 आईटीआई थे लेकिन पिछले एक दशक में लगभग 5,000 नए आईटीआई स्थापित किए गए हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आईटीआई नेटवर्क को वर्तमान उद्योग कौशल आवश्यकताओं को पूरा करने और अगले 10 साल में भविष्य की मांगों का अनुमान लगाने के लिए तैयार किया जा रहा है।’’
मोदी ने 60,000 करोड़ रुपये के निवेश के साथ एक केंद्र प्रायोजित योजना पीएम-सेतु (प्रधानमंत्री कौशल विकास एवं रोजगार योग्यता परिवर्तन उन्नत आईटीआई के जरिये) की शुरुआत की।
इस योजना में 1,000 सरकारी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) को ‘हब-एंड-स्पोक’ मॉडल में उन्नत करने की परिकल्पना की गई है जिसमें 200 ‘हब’ आईटीआई और 800 ‘स्पोक’ आईटीआई शामिल हैं।
‘हब एंड स्पोक’ मॉडल एक वितरण प्रणाली है जो साइकिल के पहिये की तरह काम करती है जिसमें एक ‘हब’ (केंद्र) होता है जो सभी ‘स्पोक’ (छोटे, सहायक स्थानों) को आपस में जोड़ता है। प्रत्येक ‘हब’ औसतन चार ‘स्पोक’ से जुड़ा होगा जिससे उन्नत बुनियादी ढांचे, आधुनिक उद्यमों, डिजिटल शिक्षण प्रणालियों और इनक्यूबेशन सुविधाओं से सुसज्जित संकुलों का निर्माण होगा।
मोदी ने बिहार की संशोधित ‘मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना’ की भी शुरुआत की जिसके तहत हर साल लगभग पांच लाख स्नातकों को दो साल तक 1,000-1,000 रुपये का मासिक भत्ता मिलेगा और मुफ्त कौशल प्रशिक्षण भी दिलाया जाएगा।
उन्होंने नए सिरे से तैयार की गई ‘बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड’ योजना की भी शुरुआत की जिसके तहत चार लाख रुपये तक का ब्याज मुक्त शिक्षा ऋण उपलब्ध कराया जाएगा।
प्रधानमंत्री ने जन नायक कर्पूरी ठाकुर कौशल विश्वविद्यालय का भी उद्घाटन किया जिसका उद्देश्य वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी कार्यबल तैयार करने के लिए उद्योग-उन्मुख पाठ्यक्रम और व्यावसायिक शिक्षा प्रदान करना है।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत रत्न से सम्मानित कर्पूरी ठाकुर जी ने अपना पूरा जीवन समाज सेवा और शिक्षा के उत्थान के लिए समर्पित कर दिया… उनके नाम पर स्थापित किया जा रहा कौशल विश्वविद्यालय इस दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने का एक सशक्त माध्यम बनेगा।’’
मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि भारत ज्ञान एवं कौशल का देश है और यह बौद्धिक शक्ति इसकी सबसे बड़ी संपत्ति है।
उन्होंने कहा कि जब कौशल एवं ज्ञान राष्ट्रीय आवश्यकताओं के अनुरूप होते हैं और उन्हें पूरा करने में योगदान देते हैं तो उनका प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि देश की आवश्यकताओं के अनुसार स्थानीय प्रतिभा, स्थानीय संसाधनों, स्थानीय कौशल और स्थानीय ज्ञान को तेजी से आगे बढ़ाना 21वीं सदी की मांग है।
प्रधानमंत्री ने एनआईटी-पटना के बिहटा परिसर को राष्ट्र को समर्पित किया। कुल 6,500 छात्रों की क्षमता वाले इस परिसर में 5जी यूज केस लैब, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के सहयोग से स्थापित एक क्षेत्रीय अंतरिक्ष शैक्षणिक केंद्र और एक नवोन्मेष एवं इनक्यूबेशन केंद्र सहित उन्नत सुविधाएं उपलब्ध हैं। यह केंद्र पहले ही नौ स्टार्ट-अप को सहायता प्रदान कर चुका है।
उन्होंने बिहार सरकार में 4,000 से अधिक नवनियुक्त उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र भी वितरित किए और मुख्यमंत्री बालक/बालिका छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत कक्षा नौ और 10 के 25 लाख विद्यार्थियों को प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के माध्यम से 450 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति जारी की।