
कुछ लोग अपनी उम्र बताते हैं तो विश्वास ही नहीं होता। उनका स्वास्थ्य, और चेहरे की चमक उन्हें अपनी उम्र से बहुत कम दिखाती है।
जब ऐसे लोगों की जीवन शैली का अध्ययन किया गया तो उनमें कुछ समान बातें पाई गईं। शोधकर्ताओं ने लगभग 10 वर्ष तक ऐसे लोगों की जीवन शैली का अध्ययन किया। इन लोगों में लगभग निम्न विशेषताएं थीं-
प्रायः ऐसे लोग रोमांटिक स्वभाव के रहे हैं और बहुत सक्रिय यौन जीवन जीते हैं।
ऐसे लोग हर आयु वर्ग के लोगों से मित्राता करते हैं।
ऐसे लोग या तो निःसंतान होते हैं या उनके बहुत छोटे परिवार होते हैं।
ऐसे लोग बाहर समय बिताना अधिक पसंद करते हैं और प्रायः शारीरिक व्यायाम के शौकीन होेते हैं।
ऐसे लोग गहरी नींद सोते हैं और सुबह तरोताज़ा उठते हैं।
ऐसे लोग सीधे बैठते और चलते हैं।
उन्हें प्रायः यात्रा करने का काफी शौक होता है।
ऐसे लोगों का रक्तचाप प्रायः सामान्य या उससे कम होता है।
ऐसे लोग टेलीविज़न देखने जैसे आसान कार्यों की अपेक्षा पढ़ने जैसे कठिन मानसिक कार्य करना पसंद करते हैं। प्रायः ऐसे लोगों के मां बाप की आयु भी लंबी ही होती है।
युवा दिखने वाले लोगों में भी लगभग 15 प्रतिशत लोग शाकाहारी थे और अधिकतर लोग शराब कभी-कभी ही पीते थे। केवल 5 प्रतिशत लोग ही धूम्रपान करते थे।
इन जानकारियों के आधार पर शोधकर्ताओं ने निम्न निष्कर्ष निकाले हैं-
व्यायाम: युवा दिखने हेतु नियमित व्यायाम सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण गतिविधि है। इससे न केवल आपका शरीर चुस्त व युवा बनता है बल्कि मस्तिष्क के कार्य करने की शक्ति भी बढ़ती है। नियमित व्यायाम करने वाले लोग जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण रखते हैं।
यदि आप शारीरिक दृष्टि से सक्रिय नहीं हैं तो आप पहले से अधिक मात्रा में और अधिक गति से सैर करना प्रारंभ करें। लगभग 20-30 मिनट की तेज सैर से आपकी शारीरिक क्षमता बढ़ती है। यदि इसके अतिरिक्त अपने घर या कार्य स्थल के आस-पास कोई शारीरिक गतिविधि चुन सकें तो बेहतर होगा।
नियमित व्यायाम को अपने जीवन का एक अंग बना लें जिसे आपने सम्पूर्ण जीवन निभाना है। आप नृत्य, ऐरोबिक्स, तैरना, चलना या दौड़ना, अपनी क्षमतानुसार कुछ भी चुन सकते हैं और यह सब आप के लिए लाभदायक है। नियमित व्यायाम से न केवल कैलोरी खर्च होती है बल्कि शरीर की चयापचय क्रिया भी घंटों तेज बनी रहती है। इससे अतिरिक्त भूख भी दबती है और हमारे शरीर में चर्बी की मात्रा कम होकर मांसपेशियां बढ़ती हैं।
भोजन: युवा दिखने वालों में एक विशेषता यह भी थी कि वे भोजन में विभिन्नता बनाए रखने की ओर अधिक ध्यान देते थे क्योंकि डाइटिंग करने से जीवन के तनावों में वृद्धि होती है और भोजन में विविधता से कुपोषण की संभावना समाप्त हो जाती है। इनके भोजन की विशेषताओं के आधार पर निम्न निष्कर्ष निकाले गए।
अपने भोजन में 60 प्रतिशत भाग दालें व अनाज खाइए। दिन में कम से कम पांच बार फल व सब्जियां खाइए। 15 से 20 प्रतिशत भाग प्रोटीन और केवल 5 प्रतिशत से केवल 10 प्रतिशत भाग चर्बी होनी चाहिए।
एक बार में केवल इतना ही खाइए जिससे आपकी भूख संतुष्ट हो जाए। अच्छी तरह चबा कर खाएं और ज्यों ही संतुष्टि हो, खाना बंद कर दें।
भोजन में चीनी व नमक की मात्रा कम से कम रखें।
विटामिन सी वाले फल व सब्जियां आदि अधिक खाएं।
सिगरेट, काफी व शराब आदि शरीर को हानि ही पहुंचाते हैं।
मीट के स्थान पर मुर्गी मछली का मांस खाएं।
मानसिक शक्ति
मानसिक शक्ति के विकास के लिए अपने दिमाग का प्रयोग नियमित रूप से करते रहे। पुस्तकें व समाचार पत्रा नियमित पढ़ें। टेलीविज़न कम देखें क्योंकि यह एक ऐसा कार्य है जिसमें दिमाग का कम प्रयोग होता है। नियमित संगीत सुनना भी मानसिक शक्ति के विकास में सहायक होता है।
यह याद रखें कि आपका युवा दिखना आपकी आयु पर नहीं बल्कि आपकी गतिविधियों पर निर्भर करता है।