नमिता मां बाप की इकलौती बेटी है। उसके मां बाप दुर्घटना में अपाहिज हो चुके हैं। नमिता नौकरी करके मां बाप की सेवा कर रही है। उसके मां बाप चाहते हैं कि वह शादी कर ले। नमिता शादी को तैयार है लेकिन उसकी एक शर्त है। वह ऐसे लड़के से शादी करने को तैयार है जो घर जमाई बनकर उसके पास आकर रहे। वह अपने अपाहिज मां बाप को छोड़कर नहीं जाना चाहती। रमन और आयशा ने प्रेम विवाह किया था। रमन का शादी के दो साल बाद हवाई दुर्घटना में देहान्त हो गया। रमन की मृत्यु के एक बाद एक दिन आयशा के पिता आकर अपनी बेटी से बोले ’बेटी, तेरा अब इस घर में रिश्ता खत्म हो गया। तेरे सामने अभी पूरी जिंदगी पड़ी है। तू मेरे साथ चल। ’पापा हमारे देश में औरत की जिस घर में डोली आती है उस घर में उसकी अर्थी ही उठती है। मैं अपनी विधवा सास के पास रहकर उनकी सेवा करूंगी। मेरी जिंदगी का फैसला भी वहीं करेगी।‘ आयशा नौकरी करके अपनी सास की सेवा कर रही है। मध्यकाल में औरत घर की चारदीवारी में कैद रहती थी। अंग्रेजी शासन में हमारा समाज पश्चिमी समाज के सम्पर्क में आया। औरत को शिक्षा और स्वतंत्राता की शुरूआत हुई। देश की आजादी के बाद नारी शिक्षा के विस्तार के साथ उसमें स्वाभिमान और आत्मसम्मान की भावना के विकास के साथ होड़ की भावना भी पैदा हुई। पहले यह माना जाता था कि औरत पुरूषों के मुकाबले हीन है परन्तु आज की नारी ने सिद्ध कर दिया है कि वह पुरूष से किसी भी मामले में कम नहीं है। आज वह जीवन के हर क्षेत्रा में पुरूषों से बराबरी कर रही है। नारी से आज कोई क्षेत्रा अछूता नहीं रहा। लेकिन लोगों की सोच में कोई परिवर्तन नहीं आया। नारी के बारे में पुरूषों का सोच आज भी बहुत संकीर्ण है। औरतों के घर से बाहर निकलने पर छींटाकशी करते हैं। औरत काम करेगी तो उसे दिन हो या रात, घर से बाहर निकलना पड़ता है और काम पर जाती है तो उसे पुरूषों से भी बातें करनी पड़ती है। औरत के घर से बाहर निकलने और पुरूषों से बातें करने पर लोग उनके चरित्र पर उल्टे सीधे आरोप लगाते हैं।
औरत अकेली घर से बाहर निकलती है, पुरूषों के संग काम करती है रास्ते में या साथ काम करने वाले पुरूषों से बातें करती है, इसका मतलब यह हर्गिज नहीं है कि औरत का चरित्र अच्छा नहीं है। मैंने ऊपर तीन उदाहरण दिए हैं। ऐसे उदाहरणों की कोई कमी नहीं है। आज नारी हर क्षेत्र में उन्नति कर रही है। पुरूषों से बाजी मारती है तो हमें इससे ईर्ष्या नहीं करनी चाहिए बल्कि उसकी प्रशंसा करनी चाहिए। हमें ध्यान रखना चाहिए कि नारी की उन्नति से समाज की भी उन्नति होगी।