इन दिनों त्योहारों का मौसम चल रहा है। ऐसे में विविध पकवानों का बनना स्वाभाविक है और खान-पान संबंधी गड़बड़ियों का होना भी। त्योहारों के दौरान अधिकांशतः मैदे, बेसन आदि की बनी हुई, तली हुई चीजें ज्यादा खाई जाती हैं। रेशेदार भोजन का सेवन बहुत कम होता है और गरिष्ठ का ज्यादा जिससे पाचन तंत्रा पर बोझ पड़ेगा ही और अपच, कब्ज व एसिडिटी की शिकायतें भी होगी। अगर इन दिनों अपने खान-पान पर नियंत्राण रखें तो न केवल त्योहारों का भरपूर मजा ले पाएंगे, बल्कि स्वास्थ्य भी अच्छा बना रहेगा। इसके लिए आवश्यकता है इन बातों पर अमल करने की- भोजन समय पर और निश्चित अवधि के बाद करें। त्योहार की मौज-मस्ती में कुछ लोग दिन भर कुछ न कुछ खाते रहते हैं जिससे पाचन क्रिया बुरी तरह गड़बड़ा जाती है। जल्दी-जल्दी और ज्यादा भोजन कभी न खाएं। सुबह नाश्ते के बाद अपनी क्षमतानुसार छाछ अवश्य पिएं। यदि गरिष्ठ भोजन कर रहे हों तो उसके साथ रेशेदार व रसदार फल खाएं। नींबू का सेवन अधिक करें। रात के भोजन के बाद तुरंत कभी न सोेएं। कम से कम एक-डेढ़ घंटे बाद ही सोएं। तुरंत सो जाने से पाचन क्रिया मंद पड़ जाती है जिससे अपच की शिकायत हो सकती है। पानी अधिक पिएं। हर एक घंटे बाद एक गिलास पानी पिएं। ख्याल रहे भोजन के पश्चात् तुरंत पानी कभी न पिएं। इससे मंदाग्नि की आशंका रहती है। मिठाइयों व तली हुई चीजों से ज्यादा फलों को महत्त्व दें। अक्सर त्योहार के दिनों में सलाद का सेवन कम कर दिया जाता है जबकि इन दिनों ही इसकी जरूरत अधिक होती है। सलाद भोजन पचाने में सहायता करता है जिससे पेट ठीक रहता है। घर पर ताजा कटा हुआ सलाद ही लें। उपवास के दौरान कुछ लोग पूरे दिन तो कुछ नहीं खाते लेकिन शाम को या अगले दिन खूब तले-भुने कई तरह के पकवान खा लेते हैं। इससे अपच, कब्ज, एसिडिटी, उल्टी आदि की शिकायत हो जाती है। अतः ऐसा करने से बचें।