कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना अपने आप में कोई बीमारी नहीं है पर अन्य बीमारियों के बढ़ने में सहयोगी है। हमारे शरीर में कोलेस्ट्रॉल के कांउंट दो प्रकार के होते हैं एच डी एल और एल डी एल। एल डी एल हमारा शत्रु है और एच डी एल हमारा मित्र । जब एल डी एल की मात्रा अधिक होने लगती है तो हार्ट और ब्रेन की नाडि़यों में खून के थक्के जमा होने का खतरा बढ़ जाता है जिससे हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक और पैरालिसिस हो सकता है। एच डी एल हमारे शरीर का मित्र है। वैसे मानव शरीर में कोलेस्ट्रॉल का होना भी जरूरी है। यह हमारे शरीर के सेल्स स्ट्रक्चर और दिमागी फंक्शन और नाडि़यों की कार्य प्रणाली को कंट्रोल में रखता है पर कोलेस्ट्रॉल की मात्रा का अधिक होना हमें खतरनाक बीमारी का संदेश देता है। कोलेस्ट्रॉल का स्तर हमारे खून में तब बढ़ता है जब हमारे खान पान का तरीका ठीक नहीं होता और व्यायाम बिलकुल नहीं होता। यहां कुछ प्राकृतिक सरल उपाय हैं जिनको अपनाकर हम कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कंट्रोल में रख सकते हैं। नियमित व्यायाम से अपने रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल का स्तर नियंत्राण में रखा जा सकता है। हमें सही फैट्स का सेवन करना चाहिए जिससे कोलेस्ट्रॉल लेवल ठीक रह सके। फुल क्रीम दूध और इनसे बने पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए उसके साथ मीट, मक्खन, क्रीम, चीज और अन्य प्रोसेस्ड फूड का सेवन भी नहीं करना चाहिए। गेंहू का चोकर, ओट्स, जौ का आटा, सत्तू, बींस, हरी पत्तेदार सब्जियां, ताजे फल के नियमित सेवन से कोलेस्ट्रॉल लेवल नियंत्राण में रहता है। सेब, गाजर, साबुत दालें, लहसुन आदि का सेवन भी कोलेस्ट्रॉल को नियंत्राण रखने में मदद करता है। इसलिए इन सब खाद्य पदार्थों को अपने भोजन का अंग बनाएं। ओमेगा-3 फैटी एसिड्स का भोजन में सेवन से ब्लड प्रेशर ठीक से संचालित रहता है जिससे ब्लड क्लॉट बनने का खतरा भी कम हो जाता है। इसके लिये टूना, सैलमन मछली का सेवन करें। इसके अतिरिक्त शाकाहारी लोग फ्लैक्स सीड्स और कैनोला ऑयल का सेवन करें। अखरोट, बादाम और पिस्ते में मोनोसैचुरेटेड फैटी एसिडस होते हैं जो हमारी ब्लड वैसल्स को स्वस्थ रखते हैं। सूखे मेवों में कैलोरीज की मात्रा अधिक होने के कारण हमें इनका सेवन बहुत सीमित मात्रा में करना चाहिए। कभी भी खाना ऊंचे तापमान पर मत पकाएं क्योंकि इससे ट्रांस फैट्स का निर्माण होता है जिससे कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ता है। पहले से बचे तले में खाना न पकाएं। यह भी हैल्थ को नुकसान पहुंचाता है। फोलिक एडिस का सेवन भी अपने खाद्य पदार्थों में थोड़ा बढ़ा दें। इसके लिए हरी पत्तेदार सब्जियां व साबुत दालों का सेवन नियमित करें। फोलिक एसिड के सेवन से होमोसिस्टीन का स्तर कम होता है जो हमारे हार्ट और ब्रेन के लिए उचित है।