नवी मुंबई, 31 अक्टूबर (भाषा) अपने नाबाद शतक से भारत को वनडे विश्व कप फाइनल में ले जाने के बाद भावनाओं पर काबू पाने की कोशिश करते हुए जेमिमा रौड्रिग्स ने कहा कि आस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल में हरमनप्रीत कौर के आउट होने के बाद उन्हें फिर से फोकस करने में मदद मिली।
दबाव में बेहतरीन पारी खेलते हुए जेमिमा ने 134 गेंद में नाबाद 127 रन बनाये जिसकी मदद से भारत ने रिकॉर्ड 339 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए आस्ट्रेलिया को हराया । अब फाइनल में सामना दक्षिण अफ्रीका से होगा ।
जेमिमा ने मीडिया से कहा ,‘‘ मैं हैरी दी से कह रही थी कि हम दोनों को जीत तक ले जाना है ।’’
उन्होंने कहा ,‘‘ जब वह आउट हुई तो मुझे फिर से फोकस करने में मदद मिली क्योंकि थकान के कारण मेरी एकाग्रता टूट रही थी । हरमन के आउट होने के बाद मुझे लगा कि अतिरिक्त जिम्मेदारी से खेलना होगा । मैने खुद से कहा कि वह आउट हो गई है तो उसके लिये मैं ही रन बनाऊंगी , मुझे टिककर खेलना है ।’’
जेमिमा ने कहा ,‘‘ इससे मेरा फोकस फिर बना और मैं समझदारी से खेलने लगी ।’’
प्रेस कांफ्रेंस में बार बार रो पड़ी जेमिमा ने कहा कि भगवान पर अटूट आस्था से उन्हें बेचैनी से उबरने में मदद मिली ।
उन्होंने कहा ,‘‘ मैं प्रार्थना कर रही थी । मैं खुद से बात कर रही थी क्योंकि काफी ऊर्जा खत्म हो चुकी थी । मैं थक गई थी और इसकी वजह से कुछ पेचीदा शॉट खेले । मैं सोच रही थी कि कैसे खेलूं । आक्रामक रहूं या अंत तक टिकी रहूं और मैने सीखा कि अंत तक डटकर खेलना जरूरी था ।’’
उन्होंने कहा ,‘‘ मैं खुदा से बात कर रही थी क्योंकि मेरा मानना है कि मेरा उनसे निजी रिश्ता है और जब मैं खुद नहीं कर पाती तो वह मेरे लिये कर देते हैं ।’’
इस पारी से पहले जेमिमा कठिन दौर से गुजर रही थी और टीम से बाहर भी हुई लेकिन उसके साथी खिलाड़ी उसके साथ डटे रहे ।
उन्होंने कहा ,‘‘ कोई अपनी कमजोरियों के बारे में बात नहीं करना चाहता । टूर्नामेंट की शुरूआत में काफी बैचेनी से गुजर रही थी । अपनी मां को फोन करके पूरा समय रोती रहती थी क्योंकि जब आप इन हालात से गुजर रहे होते हैं तो कुछ सूझ नहीं पड़ता ।’’
उन्होंने कहा ,‘‘ समझ में नहीं आता कि क्या करें । ऐसे समय में मेरे माता पिता ने मेरा खूब साथ दिया । अरूंधति रेड्डी से मैं रोज बात करती थी और उसके सामने रोती थी । स्मृति (मंधाना) ने मेरी काफी मदद की । उसे पता था कि मैं क्या महसूस कर रही हूं । कुछ नेट सत्रों में वह खड़ी रही , कुछ कहा नहीं लेकिन उसे पता था कि उसकी मौजूदगी मेरे लिये अहम है । राधा यादव ने मेरा बहुत ख्याल रखा ।’’
जेमिमा ने मैच के बारे में कहा ,‘‘ डी वाई पाटिल स्टेडियम पर कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है । मैं यही सोच रही थी कि टिके रहना है तो रन खुद ब खुद मिलेंगे ।’’