डिजिटल क्षेत्र में भारत की बड़ी तरक्की, एक जीबी डेटा एक कप चाय से सस्ता: मोदी

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नयी दिल्ली, आठ अक्टूबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को मोबाइल से लेकर सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में निवेश और विनिर्माण का आह्वान करते हुए कहा कि लोकतांत्रिक ढांचा, कारोबार सुगमता और अनुकूल नीतियों से भारत एक निवेश अनुकूल गंतव्य के रूप में उभरा है।

उन्होंने डिजिटल बुनियादी ढांचा क्षेत्र में हुई तरक्की का जिक्र करते हुए कहा कि देश में आज एक जीबी डेटा की लागत एक कप चाय से भी कम है।

प्रधानमंत्री ने यहां इंडिया मोबाइल कांग्रेस के उद्घाटन के मौके पर अपने संबोधन में कहा, ‘‘डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे में हमारी सफलता इस बात का प्रमाण है कि सरकार ‘सबसे पहले डिजिटल’ मानसिकता के प्रति कितनी प्रतिबद्ध है…यह भारत में निवेश, नवोन्मेष और ‘मेक इन इंडिया’ का सबसे अच्छा समय है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था, सरकार के स्वागतपूर्ण दृष्टिकोण और कारोबार सुगमता की नीतियों ने देश को एक निवेशक-अनुकूल गंतव्य की छवि बनाने में मदद की है।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के पास दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा दूरसंचार बाजार, दूसरा सबसे बड़ा 5जी बाजार, नेतृत्व करने के लिए जनशक्ति, गतिशीलता और मानसिकता है।

उन्होंने कहा कि ‘‘भारत ने ‘मेड इन इंडिया’ 4जी प्रौद्योगिकी का पूरा ढांचा पेश किया है। यह देश की बड़ी उपलब्धि है। इसके साथ भारत विश्व के उन पांच देशों में शामिल हो गया है जिनके पास यह क्षमता है।’’

मोदी ने कहा, ‘‘यह डिजिटल और प्रौद्योगिकी आत्मनिर्भरता की दिशा में देश का एक बड़ा कदम है। स्वदेशी 4जी और 5जी प्रौद्योगिकी ढांचे से हम न केवल बेहतर संपर्क सुविधा सुनिश्चित कर पाएंगे बल्कि देशवासियों को तेज एवं भरोसेमंद इंटरनेट भी दे पाएंगे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘डेटा खपत के मामले में, हम दुनिया के अग्रणी देशों में से एक हैं। इसका मतलब है कि भारत में डिजिटल संपर्क सुविधा अब एक विशेषाधिकार या विलासिता नहीं है बल्कि यह भारतीय जीवन का एक अभिन्न अंग है।’’

पिछले दशक में डिजिटल क्षेत्र में हुई उल्लेखनीय प्रगति का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘भारत में एक जीबी वायरलेस डेटा एक कप चाय की कीमत से भी सस्ता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘जो देश कभी 2जी से जूझ रहा था, आज लगभग हर जिले में 5जी पहुंच रहा है।’’

प्रधानमंत्री ने डेटा (निजी जानकारी और सूचना) संप्रभुता का जिक्र करते हुए कहा कि दुनिया पहले से कहीं ज्यादा डेटा उत्पन्न कर रही है, जिससे भंडारण, सुरक्षा और संप्रभुता के मुद्दे बेहद महत्वपूर्ण हो गए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम सुधारों की गति बढ़ा रहे हैं।’’

उल्लेखनीय है कि पिछले महीने ही माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरों को युक्तिसंगत बनाया गया। इससे शैम्पू से लेकर टेलीविजन तक आम इस्तेमाल की वस्तुएं सस्ती हुई हैं।

उन्होंने कहा कि भारत में सेमीकंडक्टर, मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स के विनिर्माण में काफी अवसर हैं। उद्योग, नवप्रवर्तकों और स्टार्टअप को अब आगे आना होगा।

प्रधानमंत्री ने डिजिटल तकनीक को बढ़ावा देने के लिए सरकारी कदमों का उल्लेख करते हुए कहा कि सरकार दूरसंचार प्रौद्योगिकी विकास कोष और डिजिटल संचार नवाचार स्क्वायर के माध्यम से स्टार्टअप परिवेश का समर्थन कर रही है। सरकार उत्पाद विकास को सक्षम बनाने के लिए 5जी, 6जी, अत्याधुनिक ऑप्टिकल संचार और टेरा-हर्ट्ज जैसी प्रौद्योगिकी के परीक्षण को भी वित्त उपलब्ध करा रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत मोबाइल कांग्रेस और दूरसंचार क्षेत्र में भारत की सफलता आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण की मजबूती को दर्शाती है।’’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘कैसे ‘मेक इन इंडिया’ के विचार को कभी शक-संदेह में जीने वाले लोग प्रौद्योगिकी रूप से उन्नत उत्पादों का उत्पादन करने की भारत की क्षमता पर संदेह करते थे। क्योंकि, उनके दौर में नई प्रौद्योगिकी को भारत तक आने में कई दशक लग जाते थे। देश ने उसका जवाब दिया।’’

उन्होंने कहा कि जो देश कभी 2जी से जूझ रहा था, अब लगभग हर जिले में 5जी की पहुंच है। 2014 से इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन छह गुना बढ़ा है, मोबाइल फोन का विनिर्माण 28 गुना बढ़ा है, जबकि इसके निर्यात में 127 गुना वृद्धि हुई है।

मोदी ने कहा, ‘‘पिछले एक दशक में, मोबाइल फोन विनिर्माण क्षेत्र ने लाखों प्रत्यक्ष रोजगार सृजित किए हैं। उन्होंने एक प्रमुख स्मार्टफोन कंपनी के हाल के आंकड़ों का हवाला दिया, जिसमें दिखाया गया है कि 45 भारतीय कंपनियां अब उसकी आपूर्ति श्रृंखला का हिस्सा हैं, जिससे लगभग 3.5 लाख रोजगार सृजित हो रहे है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘और ये केवल एक कंपनी का आंकड़ा नहीं है। आज देश में कितनी ही कंपनियां बड़े पैमाने पर विनिर्माण कर रही हैं। इसमें अगर अप्रत्यक्ष अवसरों को जोड़ दें, तो हम कल्पना कर सकते हैं कि रोजगार का ये आंकड़ा कितना बड़ा हो जाता है।’’

मोदी ने कहा, ‘‘भारत का स्वदेशी 4जी ढांचा निर्यात के लिए भी तैयार है। यानी यह भारत के व्यापार को बढ़ाने का माध्यम भी बनेगा। इससे 2030 तक भारत के 6जी दृष्टिकोण को पूरा करने में भी मदद मिलेगी।’’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘आज हम देश में साइबर सुरक्षा को भी उतनी ही प्राथमिकता दे रहे हैं। साइबर धोखाधड़ी के खिलाफ कानून सख्त किए गए हैं और जवाबदेही भी बढ़ाई है। और शिकायत निवारण व्यवस्था को भी बेहतर किया गया है। उद्योग और ग्राहक दोनों को, इसका बहुत बड़ा लाभ मिल रहा है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ उद्योग और निवेश को बढ़ाने की मानसिकता में भी भारत सबसे आगे दिखता है।’’

डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे में हमारी सफलता, इस बात का प्रमाण है कि सरकार किस तरह पहले डिजिटल की मानसिकता से जुड़ी हुई है। इसलिए मैं पूरे विश्वास से कहता हूं कि यह भारत में निवेश, नवोन्मेष और विनिर्माण का सबसे बेहतर समय है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘विनिर्माण से लेकर सेमीकंडक्टर, मोबाइल से लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स और सभी क्षेत्रों में स्टार्टअप तक, भारत संभावनाओं और ऊर्जा से भरपूर है।’’

मोदी ने मोबाइल, दूरसंचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और व्यापक प्रौद्योगिकी परिवेश में वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में बाधाओं पर ध्यान देने का आग्रह किया और कहा कि जहां भी वैश्विक अड़चनें हैं, भारत के पास समाधान प्रस्तुत करने का अवसर है।

उन्होंने सेमीकंडक्टर विनिर्माण का उदाहरण दिया, जहां पहले क्षमता कुछ ही देशों तक सीमित थी और अब दुनिया विविधीकरण चाहती है। उन्होंने कहा कि भारत ने इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं और देश भर में 10 सेमीकंडक्टर विनिर्माण इकाइयों पर काम चल रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण में, वैश्विक कंपनियां ऐसे भरोसेमंद साझेदारों की तलाश कर रही हैं जो पैमाने और भरोसा दोनों प्रदान कर सकें।

उन्होंने कहा कि दुनिया को दूरसंचार नेटवर्क उपकरणों के डिजाइन और विनिर्माण के लिए भी भरोसेमंद साझेदारों की आवश्यकता है।

मोदी ने कहा कि मोबाइल विनिर्माण में, चिपसेट, बैटरी, डिस्प्ले और सेंसर जैसे उपकरणों का उत्पादन देश में ही तेजी से होना चाहिए।

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