
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हाल में 75 वर्ष के हो गए हैं। इस अवसर पर देश ने न केवल उनकी राजनीतिक यात्रा और उपलब्धियों को याद किया बल्कि यह भी महसूस किया कि उनकी दूरदर्शिता और सकारात्मक सोच ने देश को नई दिशा दी है। मोदी की कहानी सिर्फ एक राजनीतिक यात्रा नहीं है, बल्कि यह उन विचारों और मूल्यों की कहानी है जो भारत को विकास और गौरव के पथ पर ले जाने का लक्ष्य रखते हैं।
इस मौके पर मुझे मोदी का 7 फरवरी 2013 का वह भाषण याद आता है जो उन्होंने
गुजरात के मुख्यमंत्री के नाते दिल्ली के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स में दिया था। मुझे याद है
मोदी के भाषण में विकास, प्रगति और वृद्धि मुख्य शब्द रहे थे। उन्होंने उस
भाषण में जो कुछ कहा था, उसे पीएम बनने के बाद जिस प्रकार धरातल पर साकार किया है, उससे जाहिर है उन्होंने देश के बारे में कितना कुछ पहले ही सोच रखा था। नियति ने मोदी की
सकारात्मक सोच के चलते उन्हें देश की सत्ता के सर्वोच्च शासनाध्यक्ष पद पर पहुंचाया। आरएसएस के स्वयंसेवक के रूप में मोदी ने राष्ट्र सर्वोपरि माना और इसी के अनुरूप वह काम कर रहे हैं।
मुझे स्मरण है मोदी कॉलेज में वैश्विक परिदृश्य में उभरते व्यावसायिक मॉडल विषय पर व्याख्यान देने आए थे। उस अद्भुत अवसर का साक्षी होने का मौका मुझे भी मिला।
मीडिया मोदी के उस भाषण को उन पांच भाषणों में मानता है जिन्होंने मोदी को एक प्रखर वक्ता और राष्ट्रीय राजनेता के रूप मेंं स्थापित किया। मेरा सौभाग्य है कि न
केवल मैंने मोदी का भाषण सुना बल्कि जब वह कार्यक्रम के बाद प्रस्थान कर रहे थे तो उनसे हाथ मिलाने का मौका भी मिला। इस दौरान पता नहीं किस भावना से प्रेरित हो कर मैंने उनसे कह भी दिया कि आप पीएम बनेंगे और देश आपको बड़ी उम्मीदों से देख रहा है। मेरी बात सुन मोदी कुछ बोले नहीं, बस मुस्कुराते रहे और आगे बढ़ गए। जब वह बोलने के लिए खड़े हुए थे तो उनके जेहन में एक ही बात थी और वह था-देश का भविष्य। उन्होंने देश को केन्द्र में रखकर काम करना शुरू किया और लगातार करते आ रहे हैं।
कॉलेज में मोदी ने अपने भाषण में डवलपमेंट शब्द को बीस बार, चुनौतियां शब्द 16, यूथ शब्द 15, ग्रोथ, अपॉर्चुनिटी 9, गवर्नेंस 8, होप 6, ब्रांड 5, प्राइड 5, मॉडल 4 और फ्रेंड्स शब्द को 180 बार बोला था। उस समय इसकी मीमांसा मैंने नहीं की थी लेकिन अगर आज इस पर गौर करते हैं तो हमें अहसास हो जाता है कि मोदी के मन में देश के लिए किस तरह की परिकल्पनाएं थीं, जिसे वह साकार करने का दृढ़ निश्चय किए हुए थे। भले ही मोदी ने पीएम पद की महत्वाकांक्षा कभी नहीं रखी पर देश की अर्थ व्यवस्था को पंख लगाने, विकास की ऊंची उड़ान और युवाओं के बूते भारत की तकदीर बदलने तथा भारत को विश्व गुरु बनाने की महत्वाकांक्षा उन्होंने जरूर पाल रखी थी। नियति ने इसी वजह से उनके देश के पीएम पद पर बैठने का मार्ग प्रशस्त किया।
उनका भाषण 75 मिनट का था लेकिन हर मिनट में यह स्पष्ट हो रहा था कि उनके मन में देश की भलाई की भावना और भविष्य की योजनाएं कितनी गहनता से पैठी हुई हैं। उस भाषण में मोदी जी ने विकास, प्रगति और वृद्धि पर बार-बार जोर दिया। उनके शब्दों में स्पष्ट दृष्टि थी कि 21वीं सदी ज्ञान और कौशल की सदी है और इसकी अगुवाई भारत ही करेगा। उन्होंने कहा था कि देश को आगे बढ़ाने के लिए स्किल, स्पीड और स्केल पर ध्यान देना होगा। आज, साढ़े 11 साल बाद यह स्पष्ट है कि मोदी ने जो कहा, उसे यथार्थ के धरातल पर उतारकर दिखाया।
पीएम बनने के बाद मोदी ने देश के विकास के लिए ठोस कदम उठाए। पीएम गरीब कल्याण योजना, उज्ज्वला योजना, स्वच्छ भारत मिशन, स्टार्टअप इंडिया, मेक इन इंडिया और डिजिटल इंडिया जैसी पहलों ने देश के विकास के मार्ग को मजबूत किया। इन पंक्तियों को लिखते समय मुझे स्मरण हो रहा है कि भ्रष्टाचार, कुशासन और आर्थिक गतिरोध जैसी चुनौतियों का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा था कि भारत इन बाधाओं से तभी पार पा सकता है जब वह अपने अवसरों का सही उपयोग करे और उनके नेतृत्व में यह हुआ भी है। मोदी सरकार ने जनधन योजना, जीएसटी सुधार, ई-गवर्नेंस पहल और आर्थिक सुधारों के माध्यम से देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान की है। आज भारत वैश्विक स्तर पर गर्व के साथ अपनी पहचान बना रहा है।
मोदी ने अपने भाषण में ‘मेड इन इंडिया’ पर जोर दिया और मैन्यूफेक्चरिंग क्षेत्र में दक्षता, तकनीकी नवाचार और ब्रांडिंग की आवश्यकता पर बात की थी। आज, उनके प्रयासों से भारत न केवल एक बड़ा बाजार बनकर उभरा है बल्कि विश्व स्तर पर तकनीकी और विनिर्माण क्षमता में भी अग्रणी बन गया है। उनकी दूरदर्शिता और कार्यनीति ने भारत को वैश्विक मंच पर सम्मान और विश्वास के साथ खड़ा किया है।
मोदी ने समाज के एक वर्ग की ओर भी ध्यान दिलाया था जो युवाओं को केवल मतदाता मानता है। मोदी ने कहा था कि युवाओं की शक्ति और ऊर्जा देश के विकास में निर्णायक भूमिका निभा सकती है। पीएम बनने के बाद मोदी ने अपनी सोच को मूर्त रूप देते हुए युवाओं के लिए अनगिनत अवसर सृजित किए। उनकी सरकार ने कौशल विकास मिशन, स्टार्टअप इंडिया, डिजिटल इंडिया मिशन और युवा उद्यमिता कार्यक्रमों के माध्यम से तकनीकी प्रशिक्षण और रोजगार सृजन को प्रोत्साहित कर करोड़ों युवाओं को सशक्त बनाया है। आज भारत के युवा न केवल देश में बल्कि विश्व स्तर पर अपनी पहचान बना रहे हैं। पीएम बनने के बाद मोदी ने ई-गवर्नेंस, स्वच्छ भारत मिशन, आयुष्मान भारत योजना, और नगरीय और ग्रामीण विकास परियोजनाओं के माध्यम से यह सिद्ध किया है कि उन्होंने केवल शब्द नहीं बोले थे बल्कि उन्हें धरातल पर उतारा भी है। मोदी ने अपने भाषण में तीन स्तंभों यानी कृषि, उद्योग और सेवा क्षेत्र के संतुलित विकास का मॉडल पेश किया था। यह सिर्फ बातों तक सीमित नहीं रहा बल्कि प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्होंने इन तीनों क्षेत्रों को आगे बढ़ाने के लिए अनेक योजनाएं लागू करके अपने संकल्प को सिद्धि में बदला। कृषि क्षेत्र में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, और कृषि विपणन सुधार के माध्यम से किसानों को सशक्त किया गया है। उद्योग और सेवा क्षेत्र में मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया, और डिजिटल इंडिया जैसी पहलों ने भारत को वैश्विक व्यापार के केंद्र में खड़ा कर दिया है।
आज मोदी के प्रयासों से भारत की नई पहचान बनी है और भारत विश्व मंच पर गर्व के साथ उभरा है। हमारी अर्थव्यवस्था मजबूत है, युवा शक्ति सशक्त है और तकनीकी क्षेत्र में देश अग्रणी बन रहा है। मोदी ने जो सपना देखा था, वह अब धीरे-धीरे साकार हो रहा है। मोदी की नीतियों और विजन ने भारत को न केवल आर्थिक बल्कि सामाजिक, तकनीकी और वैश्विक स्तर पर सशक्त और सम्मानित राष्ट्र के रूप में खड़ा किया है। मोदी ने जो कहा, वह करके दिखाया है। मोदी के हाथ में देश सुरक्षित है, देश का भविष्य उज्ज्वल है और 2047 तक विकसित भारत का सपना साकार होना और भारत का विश्व गुरु बनना निश्चित है।
प्रो. महेश चंद गुप्ता