मंगोलिया के विकास में भारत भरोसेमंद साझेदार: प्रधानमंत्री मोदी
Focus News 15 October 2025 0
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मंगोलिया के राष्ट्रपति हुरेलसुख उखना ने मंगलवार को विभिन्न मुद्दों पर बातचीत की। बातचीत के दौरान मंगोलिया से भारत को यूरेनियम की संभावित आपूर्ति और द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को बढ़ावा देने के कदमों पर चर्चा की गई।
मोदी और उखना की बातचीत के बाद दोनों देशों ने डिजिटल समाधान, खनिज संसाधनों की खोज और त्वरित प्रभाव परियोजनाओं जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग के लिए 10 समझौतों पर हस्ताक्षर किए।
दोनों नेताओं की बातचीत के प्रमुख विषयों में मंगोलिया में भारत की सहायता से 1.7 अरब अमेरिकी डॉलर की तेल रिफाइनरी परियोजना तथा दोनों देशों के बीच समग्र ऊर्जा संबंधों को बढ़ाने के तरीके शामिल थे।
उखना चार दिवसीय भारत यात्रा पर सोमवार को नयी दिल्ली पहुंचे। राष्ट्रपति के रूप में यह उनकी पहली भारत यात्रा है।
उखना के साथ बातचीत के बाद मोदी ने कहा कि भारत मंगोलिया के लोगों को मुफ्त ई-वीजा उपलब्ध कराएगा।
प्रधानमंत्री ने कहा, “भारत की 1.7 अरब अमेरिकी डॉलर की ऋण सहायता से कार्यान्वित तेल रिफाइनरी परियोजना मंगोलिया की ऊर्जा सुरक्षा को नयी मजबूती प्रदान करेगी।”
उन्होंने कहा कि यह भारत की विश्व में सबसे बड़ी विकास साझेदारी परियोजना है और 2500 से भी अधिक भारतीय पेशेवर मंगोलिया के साथियों के साथ मिलकर इस परियोजना को साकार कर रहें हैं।
मोदी ने कहा, “हम अंतरराष्ट्रीय मंचों पर घनिष्ठ साझेदार के रूप में खड़े हैं और एक स्वतंत्र, खुले, समावेशी और नियम-आधारित हिंद-प्रशांत क्षेत्र का समर्थन करते हैं। साथ मिलकर, हम वैश्विक दक्षिण की आवाज को बुलंद करने के लिए भी काम करते हैं।”
वहीं, मंगोलिया के राष्ट्रपति ने स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र में भारत की अग्रणी भूमिका की सराहना की तथा विशेष रूप से नयी दिल्ली के नेतृत्व वाले अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन का उल्लेख किया।
अपने मीडिया वक्तव्य में मोदी ने यह भी कहा कि भारत और मंगोलिया के बीच संबंध महज कूटनीतिक संबंध से कहीं अधिक है।
उन्होंने कहा, “यह एक गहरा, आत्मीय और आध्यात्मिक बंधन है। हमारी साझेदारी की गहराई और दायरा हमारे लोगों के बीच संबंधों में परिलक्षित होता है।”
उन्होंने कहा, “सदियों से दोनों देश बौद्ध धर्म के सिद्धांतों से बंधे हुए हैं, यही कारण है कि हमें आध्यात्मिक सहोदर भी कहा जाता है।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि उखना के साथ हुई बातचीत में दोनों देशों के बीच इस परंपरा और ऐतिहासिक संबंधों को और मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
मोदी ने कहा, “मुझे यह बताते हुए खुशी है कि अगले वर्ष भगवान बुद्ध के दो महान शिष्यों — सारिपुत्र और मौद्गल्या-यन के पवित्र अवशेषों को भारत से मंगोलिया भेजा जाएगा।
उन्होंने कहा कि भारत ‘गंदन’ बौद्ध मठ में एक संस्कृत शिक्षक भी भेजेगा, ताकि वहां के बौद्ध ग्रंथों का गहराई से अध्ययन किया जा सके और प्राचीन ज्ञान परंपरा को आगे बढ़ाया जा सके।
उन्होंने कहा, “हमने 10 लाख प्राचीन पांडुलिपियों के डिजिटलीकरण की परियोजना को भी शीघ्र ही शुरू करने का निर्णय लिया है। मंगोलिया में बौद्ध धर्म के लिए नालंदा विश्वविद्यालय की अहम भूमिका रही है। और आज हमने तय किया है कि नालंदा और ‘गंदन मठ’ को साथ जोड़कर हम इन ऐतिहासिक संबधों में एक नयी उर्जा लायेंगे।”
उन्होंने कहा, “लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद और मंगोलिया के आर-खांगाय प्रांत के बीच हुए समझौता ज्ञापन से हमारे सांस्कृतिक संबंधों को एक नयी ऊर्जा मिलेगी।”
मोदी ने कहा कि मंगोलिया की विकास गाथा में भारत एक “दृढ़ और विश्वसनीय” साझेदार रहा है।
दोनों देशों के बीच साझेदारी रक्षा और सुरक्षा, ऊर्जा, खनन, सूचना प्रौद्योगिकी, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और सांस्कृतिक सहयोग जैसे क्षेत्रों में फैली हुई है।
उन्होंने कहा, “मुझे खुशी है कि हमारा निजी क्षेत्र भी ऊर्जा, महत्वपूर्ण खनिजों, दुर्लभ खनिजों, डिजिटल, खनन, कृषि, डेरी और सहकारिता जैसे क्षेत्रों में सहयोग की नयी संभावनाएं तलाश रहा है।”
मोदी ने कहा, “हमारे संबंध दो प्राचीन सभ्यताओं के बीच विश्वास और मैत्री की ठोस नींव पर टिके हैं। साझी सांस्कृतिक विरासत, लोकतान्त्रिक मूल्यों और विकास के लिए साझी प्रतिबद्धता इन्हें सींचती है।”
उन्होंने कहा, “मुझे विश्वास है कि हम साथ मिलकर इस रणनीतिक साझेदारी को एक नयी ऊंचाई पर ले जाएंगे।”