नयी दिल्ली, 14 अक्टूबर (भाषा) भारत के मुख्य कोच गौतम गंभीर चाहते हैं कि टेस्ट विशेषज्ञ खिलाड़ी बेंगलुरु स्थित उत्कृष्टता केंद्र (सीओई) में कौशल विशेष अभ्यास की जगह आगामी दक्षिण अफ्रीका श्रृंखला से पहले मैच अभ्यास के लिए अपने-अपने राज्यों के लिए रणजी ट्रॉफी खेलें।
भारतीय मुख्य कोच के लिए मैच अभ्यास का कोई विकल्प नहीं है। गंभीर ने कहा कि भारतीय टीम का कार्यक्रम काफी व्यस्त है क्योंकि भारत की टी20 टीम नौ नवंबर को ब्रिसबेन में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना आखिरी मैच खेलेगी और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहला टेस्ट 14 नवंबर को कोलकाता में शुरू होगा।
कोच ने अपना तर्क समझाते हुए कहा, ‘‘कभी-कभी यह मुश्किल होता है लेकिन पेशेवरता इसी को कहते हैं। खिलाड़ियों को अपने दिनों का सर्वश्रेष्ठ तरीके से इस्तेमाल करने की कोशिश करनी चाहिए, क्योंकि हम जानते हैं कि यहां से वन-डे क्रिकेट, फिर टी20 क्रिकेट और चार दिन बाद फिर टेस्ट मैच खेलना काफी मुश्किल है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ जो खिलाड़ी केवल टेस्ट क्रिकेट का हिस्सा हैं, मुझे लगता है कि उनके लिए तैयारी करना और घरेलू क्रिकेट खेलना बहुत, बहुत महत्वपूर्ण है। सीओई में जाकर सिर्फ अपने कौशल पर काम करने के बजाय मुझे लगता है कि जितना ज्यादा वे टेस्ट मैचों के लिए खेलेंगे, वह टीम के लिए उतना ही फायदेमंद होगा।’’
बल्लेबाज साई सुदर्शन, हरफनमौला रवींद्र जडेजा, रिजर्व बल्लेबाज़ देवदत्त पडिक्कल और रिजर्व विकेटकीपर नारायण जगदीसन भारतीय टेस्ट टीम के ऐसे खिलाड़ी है जो ऑस्ट्रेलिया दौरे पर नहीं जा रहे हैं इन खिलाड़ियों के रणजी ट्रॉफी के कुछ दौर खेलने की संभावना है। इसके साथ ही चोट से वापसी कर रहे विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत कर भी दिल्ली के दूसरे रणजी मैच को खेलने की संभावना है।
इसी तरह प्रसिद्ध कृष्णा, ध्रुव जुरेल और लोकेश राहुल के भी ऑस्ट्रेलिया में वनडे श्रृंखला समाप्त होने के बाद रणजी ट्रॉफी के लिए उपलब्ध रहेंगे।
गंभीर ने राहुल, सुदर्शन, जुरेल और पडिक्कल का उदाहरण देते हु कहा कि उन्होंने ऑस्ट्रेलिया ‘ए’ के खिलाफ भारत ‘ए’ के लिए खेलकर वेस्टइंडीज श्रृंखला की तैयारी की थी। राहुल ने इंग्लैंड लायंस के खिलाफ भी भारत ‘ए’ के लिए खेला था।