
मुंबई, 19 अक्टूबर (भाषा) देश के निजी क्षेत्र के सबसे बड़े ऋणदाता एचडीएफसी बैंक को नहीं लगता कि कृत्रिम मेधा (एआई) के इस्तेमाल से किसी कर्मचारी की छंटनी होगी। बैंक के एक शीर्ष अधिकारी ने यह बात कही है।
एचडीएफसी बैंक के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक शशिधर जगदीशन ने शनिवार को कहा कि बैंक में सितंबर तक 2.20 लाख कर्मचारी थे। बैंक जनरेटिव एआई सहित प्रौद्योगिकियों में कुछ प्रयोग कर रहा है, जिसका लाभ अगले 18-24 महीनों में मिलेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘सच कहूं तो, एआई के कारण कम से कम हमारे बैंक में किसी भी तरह की छंटनी नहीं होने वाली है। क्योंकि मैं इसे लोगों को ‘बैकएंड’ से ‘फ्रंटएंड’ या ‘टेक्नोलॉजी एंड’ पर ले जाने के एक बड़े अवसर के रूप में देखता हूं।’’ जगदीशन ने नौकरियों पर एआई के प्रभाव को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में यह बात कही।
उन्होंने बताया, ‘‘यह केवल हमारे कर्मचारियों की नियुक्ति के स्वरूप को बदलेगा। लेकिन, इससे कर्मचारियों की संख्या में कोई कमी नहीं आएगी, सिवाय सामान्य छंटनी के, जो हमारे यहां होती है।’’
उन्होंने यह टिप्पणी विभिन्न क्षेत्रों में नौकरियों पर एआई के प्रभाव को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच की है।
बैंकिंग क्षेत्र में भी, एक प्रमुख दक्षिण-पूर्व एशियाई क्षेत्र के दिग्गज ऋणदाता के मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने हाल ही में टिप्पणी की थी कि उन्होंने व्यावसायिक वृद्धि के बावजूद 15 वर्षों में पहली बार कर्मचारियों की संख्या में कोई वृद्धि नहीं की है। उन्होंने अगले तीन साल में एआई के कारण कर्मचारियों की संख्या में 10 प्रतिशत की कमी की ओर इशारा किया था।
पिछले छह महीनों में, एचडीएफसी बैंक ने लगभग 5,000 कर्मचारियों को जोड़ा है, जिससे सितंबर के अंत तक उसके कर्मचारियों की कुल संख्या 2.20 लाख से अधिक हो गई है।
जगदीशण ने कहा कि भारत वित्तीय सेवाओं के अवसरों से भरा हुआ एक बाजार है और विकास के लिए एक लंबा रास्ता तय करना है, जिसके लिए ग्राहकों से जुड़ने के लिए बहुत से लोगों को फ्रंट-एंड पर तैनात करने और तकनीकी विकास की सर्वोत्तम पेशकश को अपनाकर नवाचार करते रहने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि एचडीएफसी बैंक के निवेश का उद्देश्य भविष्य में मुनाफे में मदद करना है, और ये प्रयास प्रक्रियाओं को फिर से तैयार करने, बदलाव के समय को कम करने और ग्राहक अनुभव को बेहतर बनाने पर केंद्रित हैं।
फिलहाल, बैंक प्रौद्योगिकी के मोर्चे पर ‘चुपचाप’ प्रयास कर रहा है और सही समय पर अपने काम का खुलासा करेगा।
उन्होंने स्पष्ट किया कि बैंक ने उचित सुरक्षा उपाय लागू कर दिए हैं और कोई भी निर्णय लेने का काम एआई ‘टूल्स’ को नहीं सौंप रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि ‘योजना’ यह है कि बैक-एंड में लोगों की संख्या कम की जाए और उन्हीं लोगों को फ्रंट-एंड पर रखा जाए।
‘‘मुझे उम्मीद है कि यह कारगर होगा। ये सभी प्रयोग हैं, हम अपनी पूरी ताकत और कड़ी मेहनत उस खास चीज़ में लगा रहे हैं। कुछ कारगर होंगे, कुछ नहीं। हमें पूरा विश्वास है कि ये चीजें कारगर होंगी।’’