नयी दिल्ली, पांच अक्टूबर (भाषा) अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईआईएस) पर पहुंचने वाले पहले भारतीय शुभांशु शुक्ला ‘विकसित भारत बिल्डथॉन’ के ब्रांड एंबेसडर हैं। यह एक राष्ट्रव्यापी नवाचार आंदोलन है जो छठी से 12वीं कक्षा तक के स्कूलों के छात्रों को शामिल करने के लिए बनाया गया है।
बिल्डथॉन, अब तक का सबसे बड़ा स्कूल हैकाथॉन है जो देश भर के 1.5 लाख स्कूलों के एक करोड़ से अधिक छात्रों को चार विषयों के तहत प्रोटोटाइप बनाने और डिजाइन करने के लिए प्रेरित करेगा। यह हैकाथॉन शिक्षा मंत्रालय द्वारा अटल नवाचार मिशन के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है।
इस संबंध में एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘शुक्ला विकसित भारत बिल्डथॉन-2025 के ब्रांड एंबेसडर हैं। शनिवार को उन्होंने स्कूल शिक्षा सचिव संजय कुमार से मुलाकात की। उन्होंने बिल्डथॉन के दृष्टिकोण और पहलों पर चर्चा की, जो छात्रों में वैज्ञानिक सोच, रचनात्मकता और नवाचार को बढ़ावा देने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप है, ताकि उन्हें विकसित भारत की विकास यात्रा में भविष्य के लिए तैयार योगदानकर्ता बनने के लिए सशक्त किया जा सके।’’
भारतीय वायुसेना के 39 वर्षीय अधिकारी और परीक्षण पायलट ग्रुप कैप्टन शुक्ला ने एक्सिओम-4 मिशन के तहत अपनी पहली अंतरिक्ष यात्रा पूरी की। यह इसरो और नासा द्वारा समर्थन प्राप्त एक वाणिज्यिक अंतरिक्ष उड़ान थी जिसे एक्सिओम स्पेस द्वारा संचालित किया गया।
बिल्डथॉन 23 सितंबर को शुरू हुआ और पंजीकरण छह अक्टूबर तक खुले हैं। लाइव बिल्डथॉन 13 अक्टूबर को आयोजित किया जाएगा और विजेताओं की घोषणा दिसंबर में की जाएगी।
बिल्डथॉन छठी से 12वीं कक्षा तक के छात्रों से विभिन्न टीम में शामिल होने, रचनात्मक रूप से सोचने और वास्तविक जीवन की चुनौतियों का समाधान करने वाले विचार और प्रोटोटाइप विकसित करने का आह्वान करता है।
छात्र राष्ट्रीय महत्व के चार विषयों पर काम करेंगे: आत्मनिर्भर भारत – आत्मनिर्भर प्रणालियों और समाधानों का निर्माण; स्वदेशी – स्वदेशी विचारों और नवाचार को बढ़ावा देना; वोकल फॉर लोकल – स्थानीय उत्पादों, शिल्प और संसाधनों को बढ़ावा देना; और समृद्धि – समृद्धि और सतत विकास के मार्ग बनाना।