दोहा, आठ अक्टूबर (भाषा) वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि केवल निर्यात उद्देश्य के लिए ई-कॉमर्स के भंडार-आधारित मॉडल में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति देने के प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है क्योंकि इससे छोटे खुदरा विक्रेताओं के कारोबार को प्रभावित किए बिना भारत के निर्यात को बढ़ाने में मदद मिलेगी।
वर्तमान में देश की प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नीति ई-कॉमर्स के भंडार-आधारित मॉडल में एफडीआई की अनुमति नहीं देती है। इसकी अनुमति केवल उन कंपनियों के लिए है जो ‘मार्केटप्लेस’ मॉडल के माध्यम से काम कर रही हैं।
गोयल ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘मुझे यह प्रस्ताव पसंद आया और विभाग इसपर विचार कर रहा है।’’
मंत्री ने कहा कि यदि ऐसी ई-कॉमर्स कंपनियां निर्यात के लिए माल रखना चाहती हैं तो “मुझे लगता है कि हमें इस पर कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।”
जब उनसे पूछा गया कि क्या मंत्रालय इसके लिए नीति में बदलाव करेगा, तो उन्होंने कहा, “हमें इस संबंध में स्पष्टीकरण जारी करने की जरूरत पड़ सकती है।”
यह प्रस्ताव विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) द्वारा प्रस्तुत किया गया था और उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) द्वारा इसकी समीक्षा की जा रही है।
ई-कॉमर्स हितधारकों ने भी इस मुद्दे पर एफडीआई नीति पर पुनर्विचार करने की मांग की है।
यह प्रस्ताव इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि सरकार ई-कॉमर्स के माध्यम से निर्यात को बढ़ावा देने के उपायों पर विचार कर रही है। वह ई-कॉमर्स निर्यात केंद्र स्थापित करने जैसे उपायों पर काम कर रही है।