सोना 700 रुपये उछलकर नए शिखर पर, चांदी 3,400 रुपये फिसली

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नयी दिल्ली, सात अक्टूबर (भाषा) राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में मंगलवार को सोने की कीमत 700 रुपये उछलकर 1,24,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गई। अमेरिका में वित्त पोषण को लेकर विवाद के बीच विभिन्न विभागों में कामकाज ठप होने और फेडरल रिजर्व के ब्याज दर में और कटौती की बढ़ती संभावनाओं के साथ सोने में तेजी आई।

हालांकि, चांदी अपने अपने उच्चतम स्तर से 3,400 रुपये की गिरावट के साथ 1,54,000 रुपये प्रति किलोग्राम (सभी करों सहित) पर आ गई।

अखिल भारतीय सर्राफा संघ के अनुसार, 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना सोमवार को 1,23,300 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था।

स्थानीय सर्राफा बाजार में, 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना मंगलवार को 700 रुपये बढ़कर 1,23,400 रुपये प्रति 10 ग्राम (सभी करों सहित) के सर्वकालिक उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। पिछले बाजार सत्र में यह 1,22,700 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था।

हालांकि, चांदी अपने अपने उच्चतम स्तर से 3,400 रुपये की गिरावट के साथ 1,54,000 रुपये प्रति किलोग्राम (सभी करों सहित) पर आ गई। सोमवार को चांदी 1,57,400 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी।

वैश्विक स्तर पर, हाजिर सोना गिरावट के साथ 3,958.18 डॉलर प्रति औंस पर रहा। मंगलवार को सोने की कीमत 3,977.45 डॉलर प्रति औंस के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई थी।

मंगलवार को सोने की कीमतों में तेजी आई और हाजिर सोना 4,000 डॉलर प्रति औंस के महत्वपूर्ण पड़ाव के करीब पहुंच गया।

एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) सौमिल गांधी ने कहा, ‘‘फेडरल रिजर्व की नरम मौद्रिक नीति की अपेक्षााओं और सुरक्षित निवेश वाली संपत्तियों की निरंतर मांग के कारण सोने की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गईं, जबकि तकनीकी रूप से यह जरूरत से ज्यादा खरीद वाला क्षेत्र था।’’

इस बीच, अमेरिका में सात दिनों से विभिन्न विभागों में कामकाज ठप (शटडाउन) है और अभी भी कोई समाधान नजर नहीं आ रहा है।

गांधी ने कहा, ‘‘इस शटडाउन ने वित्तीय बाजारों में अनिश्चितता पैदा कर दी है और कीमती धातुओं को बढ़ावा दे रहा है। इसके अलावा, फ्रांस और जापान में चल रहे राजनीतिक तनाव और लगातार भू-राजनीतिक जोखिमों के कारण सुरक्षित निवेश वाली संपत्तियों की मांग बढ़ रही है।’’

हाजिर चांदी 0.12 प्रतिशत की गिरावट के साथ 48.46 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुई।

विश्लेषकों का कहना है कि अमेरिकी सरकार के मौजूदा ‘शटडाउन’ के कारण सितंबर की रोजगार रिपोर्ट सहित महत्वपूर्ण आर्थिक आंकड़ों के जारी होने में देरी हुई है।

अमेरिकी वृहद आर्थिक संकेतकों की अनुपस्थिति और इस साल फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में दो बार कटौती की बढ़ती उम्मीदों ने सर्राफा कीमतों की मांग को और मजबूत किया है।

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