किसानों के मुद्दों को आंदोलन से नहीं, बातचीत से सुलझाएं: फडणवीस

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पुणे, 29 अक्टूबर (भाषा) महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने बुधवार को प्रहार जनशक्ति पार्टी के नेता बच्चू काडू से अपील की कि धरना प्रदर्शन करने के बजाय वह सरकार के साथ किसानों के मुद्दों पर चर्चा करें। उन्होंने साथ ही कहा कि धरना प्रदर्शन से जनता को असुविधा होगी और जिसका फायदा ‘निहित स्वार्थों’ द्वारा उठाए जाने की आशंका होती है।

फडणवीस एक कार्यक्रम से इतर पत्रकारों से बात कर रहे थे। इससे एक दिन पहले, राज्य के पूर्व मंत्री काडू ने नागपुर में ट्रैक्टर रैली का नेतृत्व किया था जिसमें उन्होंने किसानों के लिए पूर्ण कर्ज माफी और कई अन्य मांगें रखी थीं।

हजारों लोगों वाला यह ट्रैक्टर मार्च सोमवार को अमरावती जिले के चंदुरबाजार से शुरू हुआ और मंगलवार शाम नागपुर पहुंचने से पहले वर्धा में रुका।

फडणवीस ने कहा कि राज्य सरकार ने किसानों के मुद्दों के प्रति सकारात्मक रुख अपनाया है।

उन्होंने कहा, “आंदोलन से पहले, हमने एक बैठक बुलाई थी और आश्वासन दिया था कि बातचीत के जरिए संभावित समाधान निकाला जा सकता है। बच्चू काडू ने शुरुआत में सहमति जताई थी लेकिन बाद में उन्होंने बताया कि वह बैठक में शामिल नहीं हो पाएंगे जिसके कारण बैठक रद्द कर दी गई।”

फडणवीस ने कहा कि राज्य मंत्री चन्द्रशेखर बावनकुले ने भी काडू से संपर्क किया है और मांगों पर चर्चा करने की सरकार की इच्छा व्यक्त की है।

मुख्यमंत्री ने कहा, “उन्होंने (काडू) कई मुद्दे उठाए हैं जिनका समाधान आंदोलन से नहीं हो सकता। बातचीत के बाद ही कोई रोडमैप तैयार किया जा सकता है। इसलिए हमने उन्हें फिर से बैठक के लिए आमंत्रित किया है।”

काडू से विरोध प्रदर्शन से बचने की अपील करते हुए, फडणवीस ने कहा कि सड़क जाम से मरीजों समेत आम जनता को परेशानी हो रही है।

उन्होंने कहा, “मेरी उनसे अपील है कि वे व्यवधान पैदा करने के बजाय हमसे बात करने आएं। ऐसे आंदोलनों में कभी-कभी निहित स्वार्थी तत्व घुसपैठ कर हिंसा फैलाते हैं, इसलिए हमें सतर्क रहना होगा। सरकार ‘रेल रोको’ जैसे विरोध प्रदर्शनों की अनुमति नहीं देगी।”

किसानों के कल्याण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य ने पहले ही किसानों के लिए 32,000 करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा कर दी है।

कर्ज माफी की मांग पर उन्होंने कहा, “राज्य सरकार ने इस मुद्दे पर विचार के लिए पहले ही एक समिति गठित कर दी है। फिलहाल हमारी प्राथमिकता भारी बारिश से नुकसान झेलने वाले किसानों की मदद करना है। हमने कभी नहीं कहा कि हम कृषि कर्ज माफी के खिलाफ हैं।”

उन्होंने आगे कहा, “सरकार किसानों से जुड़े हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है।”