केरल ‘पीएम श्री’ योजना में शामिल होगा: शिक्षा मंत्री शिवनकुट्टी

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तिरुवनंतपुरम, 19 अक्टूबर (भाषा) केरल के सामान्य शिक्षा मंत्री वी. शिवनकुट्टी ने रविवार को घोषणा की कि राज्य लंबित केंद्रीय धनराशि प्राप्त करने के लिए ‘पीएम श्री’ योजना में शामिल होगा। हालांकि, उन्होंने जोर देकर कहा कि वह राज्य में मौजूदा शिक्षा नीति से पीछे नहीं हटेंगे।

उन्होंने कहा कि देश के प्रत्येक नागरिक को केंद्रीय राशि प्राप्त करने का अधिकार है इसलिए केरल को इससे दूर रहने की कोई आवश्यकता नहीं है।

मंत्री ने एक टेलीविजन चैनल से बातचीत में कहा कि विभिन्न शैक्षिक कार्यक्रमों के लिए राज्य को 1,466 करोड़ रुपये की केंद्रीय निधि मिलनी बाकी है और केरल के बच्चे इसके हकदार हैं।

हालांकि, मंत्री ने स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार की योजना में शामिल होना केवल लंबित धनराशि प्राप्त करने का एक व्यावहारिक तरीका है और इससे केरल की मौजूदा शिक्षा नीति में कोई अंतर नहीं आएगा।

उन्होंने कहा कि अगर यह धनराशि मिलती है तो राज्य शिक्षा क्षेत्र में विभिन्न कार्यक्रमों को लागू कर पाएगा और साथ ही 7,000 से अधिक शिक्षकों के वेतन का भुगतान सुचारु रूप से कर पाएगा।

उन्होंने कहा, ‘‘हम राज्य की शिक्षा नीति से पीछे नहीं हटेंगे। स्वास्थ्य, उच्च शिक्षा और कृषि सहित विभिन्न विभागों ने पहले ही केंद्रीय राशि स्वीकार कर ली हैं।’’

उन्होंने कहा कि केंद्र के सुझाव पर भी राज्य मौजूदा नीति के खिलाफ कुछ भी लागू नहीं करेगा।

उन्होंने यह भी याद दिलाया कि जब हाल ही में राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद की पुस्तकों में देश के इतिहास को कथित तौर पर विकृत करने का प्रयास किया गया था, तो उस समय केरल ने कैसे वैकल्पिक पाठ्यपुस्तकें जारी की थीं।

जब संवाददाताओं ने उनसे पूछा कि क्या यह निर्णय वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) के एक प्रमुख सहयोगी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) से चर्चा के बाद लिया गया है। इस सवाल पर मंत्री ने कोई साफ जवाब नहीं दिया। भाकपा राज्य के पीएम श्री योजना में शामिल होने का कड़ा विरोध कर रही है।

‘पीएम स्कूल्स फॉर राइजिंग इंडिया’ (पीएम श्री) योजना केंद्र सरकार की एक पहल है जिसका उद्देश्य देश भर के चुनिंदा स्कूलों का उन्नयन करना है।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, इस योजना के तहत केंद्रीय, राज्य और स्थानीय निकाय द्वारा चलाए जा रहे 14,500 से अधिक मौजूदा स्कूलों को सशक्त और उन्नत बनाया जाएगा।

इस बीच सत्तारूढ़ एलडीएफ में पीएम श्री योजना को लेकर मतभेद सामने आ गए हैं। भाकपा नेताओं ने दिन में बाद में स्पष्ट किया कि उन्हें इस घटनाक्रम की जानकारी नहीं थी।

भाकपा के राज्य सचिव बिनॉय विश्वम ने कहा कि इस मामले में उनके पहले के रुख में कोई बदलाव नहीं आया है जबकि पार्टी के वरिष्ठ नेता और राजस्व मंत्री के राजन ने कहा कि कैबिनेट ने इस संबंध में कोई फैसला नहीं लिया है।

जब संवाददाताओं ने उनकी प्रतिक्रिया जाननी चाही तो मंत्री विश्वम ने कहा कि उन्हें मंत्री शिवनकुट्टी के बयान की जानकारी केवल मीडिया के माध्यम से मिली है और उनके पास कोई अन्य सूचना नहीं है।

उन्होंने कहा कि कोई भी निर्णय लेने से पहले कई बार सोचना चाहिए क्योंकि राज्य, राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) को स्वीकार नहीं कर सकता जो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की विचारधारा को दर्शाती है और यह उसके “साम्प्रदायिकरण और व्यावसायीकरण” की योजना का हिस्सा है।

राजस्व मंत्री के राजन ने भी इसी तरह की बात कही। उन्होंने स्पष्ट किया कि पीएम श्री योजना में शामिल होने का कोई भी निर्णय सरकारी स्तर पर नहीं लिया गया है।

उन्होंने कहा, “यह एक ऐसा मामला है जिस पर आवश्यक परामर्श की आवश्यकता है।”

मंत्री ने कहा कि हालांकि केंद्र राज्य पर दबाव डाल रहा है लेकिन केरल उसके सामने नहीं झुकेगा। उन्होंने कहा कि केंद्रीय योजना के संदर्भ में अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है।

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