पथनमथिट्टा (केरल), 25 अक्टूबर (भाषा) टीडीबी के अध्यक्ष पी. एस. प्रशांत ने शनिवार को दावा किया कि बोर्ड द्वारा द्वारपालक (संरक्षक देवता) की मूर्तियों की स्वर्ण परतों को मरम्मत के लिए हटाने की सूचना उच्च न्यायालय को न देने के कारण ही सोना गायब होने का मामला सामने आया।
त्रावणकोर देवस्वओम बोर्ड (टीडीबी) के अध्यक्ष ने यहां पत्रकारों से बात करते हुए यह भी कहा कि भगवान अयप्पा के स्वर्ण का एक कण भी गुम नहीं होना चाहिए।
उन्होंने विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा की जा रही इस मामले की जांच पर संतोष व्यक्त किया और कहा कि उन्हें विश्वास है कि खोया हुआ सोना वापस मिल जाएगा।
विपक्षी दलों समेत विभिन्न वर्गों द्वारा वर्तमान बोर्ड पर लगाए गए आरोपों के बारे में उन्होंने कहा, “हमारे पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है।”
प्रशांत ने कहा कि उन्हें बेंगलुरु के व्यवसायी उन्नीकृष्णन पोट्टी से जोड़ने की कोशिश की जा रही है, जिन्होंने सोने की परत चढ़ाने के काम को प्रायोजित किया था, “लेकिन हमारे बीच कोई संबंध नहीं है”।
उन्होंने कहा कि अगर सोना गायब होने में कोई शीर्ष अधिकारी या बोर्ड शामिल है, तो एसआईटी इसका पता लगाएगी।
टीडीबी अध्यक्ष ने यह भी दावा किया कि मामले में गिरफ्तार पोट्टी ने उन्हें इस मामले में फंसाने की कोशिश की थी।
एसआईटी ने भगवान अयप्पा मंदिर से सोना गायब होने के सिलसिले में पोट्टी के अलावा पूर्व देवस्वओम प्रशासनिक अधिकारी बी. मुरारी बाबू को भी गिरफ्तार किया है।
द्वारपालक मूर्तियों की प्लेटों और श्रीकोविल द्वार की चौखटों से सोना गायब होने के संबंध में एसआईटी द्वारा दर्ज दो मामलों में पोट्टी मुख्य आरोपी है।