नयी दिल्ली, 24 अक्टूबर (भाषा) राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता के ‘खराब’ श्रेणी में बने रहने के कारण ‘एयर प्यूरीफायर’ और मास्क की बिक्री में 60-70 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। व्यापारियों ने यह जानकारी दी।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, दिल्ली में बुधवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 354 रहा। यह इस मौसम में अब तक का सबसे अधिक दर्ज किया गया एक्यूआई था जबकि मंगलवार को यह 351 और सोमवार को 345 था।
अक्टूबर की शुरुआत से प्रदूषण का स्तर बिगड़ने के कारण दिल्ली भर के ‘इलेक्ट्रॉनिक्स’ दुकानों में ‘एयर प्यूरीफायर’ की बिक्री में तेजी से वृद्धि दर्ज की गई है।
कनॉट प्लेस स्थित क्रोमा ओडियन के एक विक्रेता ने कहा, ‘‘हमारे पास प्यूरीफायर खरीदने के लिए हर दिन कम से कम दो से तीन ग्राहक आते हैं और हमें इसकी खरीदारी से संबंधित जानकारी के लिए प्रतिदिन लगभग 20 से अधिक फोन किए जाते हैं।’’
उन्होंने बताया कि हाल के सप्ताहों में उनके यहां ‘एयर प्यूरीफायर’ की बिक्री में लगभग 60 से 70 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
इंदिरापुरम स्थित ‘एयर एक्सपर्ट इंडिया’ के मालिक विजेंद्र मोहन ने कहा, ‘‘पहले हम एक सप्ताह या शायद महीनों में लगभग 10 यूनिट बेचते थे। अब यह संख्या दो से तीन दिनों में लगभग 35 से 40 तक हो गई है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस सप्ताह मांग में तेजी से वृद्धि हुई है और प्रतिदिन 150 से अधिक लोगों द्वारा इसके बारे में हमसे जानकारी ली जाती है।’’
राजा गार्डन स्थित महाजन इलेक्ट्रॉनिक्स के प्रतिनिधि ने कहा, ‘‘ऑनलाइन और स्टोर पर पहुंचकर दोनों ही माध्यमों से बिक्री में लगभग 60 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। अक्टूबर के मध्य से ग्राहक नियमित रूप से हमसे संपर्क कर रहे हैं, इसलिए हमने मांग को पूरा करने के लिए अपना भंडारण बढ़ा दिया है।’’
दिल्ली भर में मास्क की बिक्री में भी बढ़ोतरी देखी गई है।
कनॉट प्लेस स्थित अपोलो फ़ार्मेसी के विक्रेता राजीव कुमार ने कहा, ‘‘पिछले दो हफ़्तों में मास्क की बिक्री में लगभग 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। ज़्यादातर लोग अब भी नियमित रूप से मास्क खरीद रहे हैं और मांग स्पष्ट रूप से बढ़ गई है।’’
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने चेतावनी दी है कि अगले कुछ दिनों तक खराब स्थिति बनी रहने के आसार हैं।
दिल्ली की वायु गुणवत्ता में शुक्रवार सुबह मामूली सुधार हुआ और सुबह नौ बजे एक्यूआई 290 दर्ज किया गया जो ‘खराब’ श्रेणी में आता है। इससे पहले यह ‘बहुत खराब’ श्रेणी में था।