काम में रोमांस को न भूलें

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आज अधिकतर पति-पत्नी नौकरीपेशा हैं, जिससे उन्हें एक-दूसरे का साथ बहुत कम मिल पाता है। जो दंपति अच्छी समझ रखते हैं, वे फुर्सत के थोड़े से क्षणों को भी हसीन बना लेते हैं मगर कुछ पति-पत्नी एक-दूसरे से अक्सर समय की कमी की शिकायत करते रहते हैं।
चूंकि भारतीय समाज में अभी भी पति अपने पुरूषत्व के अहं के कारण पत्नी को बराबरी का दर्जा नहीं दे पाता और उसे सहयोग देना अपनी शान के खिलाफ समझता है, ऐसे में नौकरी के साथ-साथ घर की भी पूरी जिम्मेदारी पत्नी को निभानी पड़ती है।
दोराहे में फंसी पत्नी इतनी थक जाती है कि पति के साथ रोमांस तो दूर की बात, दो मीठी बातें करने में भी सक्षम नहीं होती मगर इसके लिए सिर्फ पति को ही दोषी नहीं माना जा सकता। कई मामलों में पत्नी भी अपनी महत्त्वाकांक्षा के चलते अपनी व पति की कोमल भावनाओं को दबा देती है। जब वह नौकरी को पति के प्यार से अधिक महत्त्व देने लगती है तो उनके दांपत्य जीवन में ऊब जैसी स्थिति उत्पन्न होने लगती है।
ऐसे दंपतियों को यह भलीभांति समझ लेना चाहिए कि पैसा जीवन की आवश्यकता है पर इसके लिए यदि वे अपने जीवन को ही दांव पर लगा देंगे तो पैसे का उनके लिए महत्त्व नहीं रहेगा, अतः रोमांस को जीवन की आवश्यकता मानकर कुछ पल इसके लिए भी निकालें।
सैर को निकलें-
 पति-पत्नी यदि थोड़ा जल्दी उठकर एक साथ सैर को निकलें तो यह उनके लिए बहुत ही आनंददायक रहेगा क्योंकि सुबह का मौसम सुहावना होता है। जहां सुबह की ताजी व शुद्ध हवा आपके स्वास्थ्य के लिए बेहतर है, वहीं यह आपके मूड को भी रोमांटिक बनाने में सहायक होगी।
मनोरंजनः-
अपनी व्यस्त दिनचर्या में से कुछ समय मनोरंजन के लिए भी निकालें। टी वी प्रायः हर घर में उपलब्ध होता है। रात को जितनी देर संभव हो सके, साथ बैठकर रोमांटिक फिल्म या अन्य कार्यक्रम देखें। एक-दूसरे को चुटकुले सुनाकर या कोई गेम खेलकर भी मनोरंजन किया जा सकता है। अपने बजट के अनुसार सिनेमा भी जा सकते हैं। इससे आपके मध्य व्याप्त दूरी स्वतः ही दूर हो जाएगी और आप जिंदगी का भरपूर लुत्फ उठा पाएंगे।
परस्पर सहयोग दें-
यदि आप दोनों नौकरीपेशा हैं तो घरेलू दायित्वों को निभाने में एक-दूसरे को पूर्ण सहयोग करें। यदि पति के पास अधिक समय हो तो उसे राशन लाना, बिजली, पानी, टेलीफोन आदि का बिल जमा कराने जैसे अन्य कार्य खुद ही निबटा लेने चाहिएं। यही स्थिति पत्नी पर भी लागू होती है।
कभी भी मन में एक-दूसरे के प्रति ईर्ष्या पैदा न होने दें। घर के हर कार्य को अपनी जिम्मेदारी समझ कर समयानुसार निबटा दें ताकि आपको एक-दूसरे के प्रति कोई शिकायत ही न रहे। बच्चों के प्रति अपने दायित्वों को भी पूर्ण रूप से निभाएं।
जीवनसाथी की रोमांटिक भावनाओं की पूरी कद्र करें। आमतौर पर देखा जाता है कि नौकरीपेशा पति-पत्नी के मन में हमेशा समय की कमी का अहसास बना रहता है और वे अपनी कोमल भावनाओं का इजहार ही नहीं कर पाते। छुट्टी का दिन घरेलू कार्यों की व्यस्तता में ही बीत जाता है। ऐसे में पति-पत्नी को चाहिए कि वे अपने संपूर्ण कार्य एक दिन पहले ही निबटा लें ताकि छुट्टी के दिन पूरा आनंद उठाया जा सकें।
नौकरीपेशा होने का यह तात्पर्य नहीं कि आप अपनी जिंदगी के रूमानी पलों को खो दें। रोमांस को जिंदगी का महत्त्वपूर्ण अंग मानकर इसकी महत्ता समझें व अपने दांपत्य संबंधों में दृढ़ता लाएं।

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