विदेशों में मजबूती के बावजूद बीते सप्ताह तेल-तिलहन कीमतों में रहा गिरावट का रुख

0
2023_9image_14_36_432861218oil875

नयी दिल्ली, पांच अक्टूबर (भाषा) विदेशी बाजारों में विशेषकर मलेशिया एक्सचेंज में बीते सप्ताह मजबूती के रुख तथा देश में त्योहारों का मौसम होने के बावजूद देश के तेल-तिलहन बाजार में बीते सप्ताह खराब कारोबारी धारणा की वजह से मांग प्रभावित रहने के कारण सभी तेल-तिलहनों के दाम गिरावट दर्शाते बंद हुए। परिणामस्वरूप, सरसों, मूंगफली एवं सोयाबीन तेल तिलहन, कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तथा बिनौला तेल कीमतें हानि के साथ बंद हुई।

बाजार सूत्रों ने कहा कि बीते सप्ताह मलेशिया एक्सचेंज में निरंतर मजबूती देखी गई जहां संभावित सट्टेबाजी की वजह से पाम-पामोलीन के दाम ऊंचा बोले जा रहे हैं। आलम यह है कि पामोलीन तेल के दाम सोयाबीन से भी ज्यादा मजबूत हो गये हैं जबकि जाड़े के मौसम में पाम-पामोलीन की मांग कम रह जाती है क्योंकि यह तेल ठंड के मौसम में जम जाते हैं। कमजोर मांग की वजह से पाम-पामोलीन के दाम में गिरावट रही।

सूत्रों ने कहा कि सरसों तेल का दाम भी आयातित खाद्यतेलों से कहीं ऊंचा है और इस कारण इनका उठाव कम है। वैसे त्योहारों के मौसम में उपभोक्ता अधिकांशतया रिफाइंड का उपयोग अधिक करते हैं जिस वजह से सरसों की मांग कुछ कम हो जाती है। लेकिन इस बार सरसों का दाम मंहगा होने से इसकी मांग अपेक्षा के अनुकूल नहीं बढ़ रही है। आगे दीवाली के आसपास सरसों की बिजाई भी शुरु होनी है। इन परिस्थितियों के बीच सरसों तेल-तिलहन कीमतों में गिरावट देखी गई।

उन्होंने कहा कि सरसों की फसल किसानों और स्टॉकिस्टों के पास है। स्टॉकिस्टों की ओर से सरसों की बिकवाली होने से आम कारोबारी धारणा बिगड़ गई और सभी तेल-तिलहनों के दाम दवाब में आ गये।

सूत्रों ने कहा कि समीक्षाधीन सप्ताह में लगभग सभी खाद्यतेलों, विशेषकर विगत लगभग दो महीनों में सरसों तेल के थोक दाम 20-22 रुपये प्रति किलो टूटे हैं लेकिन यह देखना रुचिकर है कि खुदरा दाम पर इस गिरावट का असर हुआ भी है या नहीं। खुदरा बाजार में तो दाम जस के तस हैं। थोक दाम की गिरावट के असर से खुदरा दाम बेअसर क्यों हैं, इसकी चिंता सभी को करनी होगी।

बीते सप्ताह सरकार ने खाद्यतेलों के आयात शुल्क मूल्य में बढ़ोतरी भी की जिसके तहत सीपीओ के आयात शुल्क मूल्य में 41 रुपये क्विंटल, पामोलीन में 107 रुपये क्विंटल और सोयाबीन डीगम तेल के आयात शुल्क मूल्य में 21 रुपये क्विंटल की वृद्धि की गई। इसके अलावा आगामी रबी फसलों में तिलहन फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में भी वृद्धि की गई।

उन्होंने कहा कि बीते सप्ताह अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया भी काफी कमजोर होकर अपने न्यूनतम स्तर के आसपास जा पहुंचा है जिसकी वजह से आयात मंहगा हुआ है।

सूत्रों ने कहा कि निर्यात की कमजोर मांग से मूंगफली तेल-तिलहन में भी गिरावट देखी गई। बाजार की कारोबारी धारणा खराब होने के कारण सोयाबीन तेल-तिलहन में भी गिरावट रही। जबकि खाद्यतेलों में सोयाबीन तेल सबसे सस्ता है। आम बाजार धारणा के अनुरूप बिनौला तेल के दाम में भी गिरावट रही। इन दिनों बिनौला तेल की आवक भी धीरे-धीरे बढ़ने लगी है।

बीते सप्ताह सरसों दाना 50 रुपये की गिरावट के साथ 7,000-7,050 रुपये प्रति क्विंटल, सरसों दादरी तेल 400 रुपये की गिरावट के साथ 14,550 रुपये प्रति क्विंटल, सरसों पक्की और कच्ची घानी तेल का भाव क्रमश: 60-60 रुपये की गिरावट के साथ क्रमश: 2,455-2,555 रुपये और 2,455-2,590 रुपये टिन (15 किलो) पर बंद हुआ।

समीक्षाधीन सप्ताह में सोयाबीन दाने और सोयाबीन लूज के थोक भाव क्रमश: 25-25 रुपये की गिरावट के साथ क्रमश: 4,575-4,625 रुपये और 4,275-4,375 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुए।

इसी तरह, सोयाबीन दिल्ली तेल का दाम 100 रुपये की गिरावट के साथ 13,350 रुपये, सोयाबीन इंदौर तेल का दाम 100 रुपये की गिरावट के साथ 13,050 रुपये और सोयाबीन डीगम तेल का दाम 125 रुपये की गिरावट के साथ 10,150 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।

समीक्षाधीन सप्ताह में मूंगफली तेल-तिलहन की कीमत भी हानि दर्शाते बंद हुए। मूंगफली तिलहन 75 रुपये की गिरावट के साथ 5,300-5,675 रुपये क्विंटल, मूंगफली तेल गुजरात का थोक दाम 100 रुपये की गिरावट के साथ 12,900 रुपये क्विंटल और मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल का थोक दाम 25 रुपये की गिरावट के साथ 2,120-2,420 रुपये प्रति टिन पर बंद हुआ।

समीक्षाधीन सप्ताह में सीपीओ तेल का दाम 25 रुपये की गिरावट के साथ 11,725 रुपये प्रति क्विंटल, पामोलीन दिल्ली का भाव 150 रुपये की गिरावट के साथ 13,350 रुपये प्रति क्विंटल तथा पामोलीन एक्स कांडला तेल का भाव भी 100 रुपये की गिरावट के साथ 12,300 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।

आम कारोबारी धारणा के अनुरूप, समीक्षाधीन सप्ताह में बिनौला तेल के दाम भी 150 रुपये की गिरावट के साथ 12,400 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *