न्यायालय आवारा कुत्तों से संबंधित स्वतः संज्ञान वाले मामले की 27 अक्टूबर को सुनवाई करेगा

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नयी दिल्ली, 25 अक्टूबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय 27 अक्टूबर को आवारा कुत्तों से संबंधित स्वतः संज्ञान वाले एक मामले की सुनवाई करने वाला है।

न्यायालय ने 22 अगस्त को आवारा कुत्तों के मामले का दायरा दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) की सीमाओं से आगे बढ़ाते हुए निर्देश दिया था कि सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इस मामले में पक्षकार बनाया जाए।

शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर 27 अक्टूबर को अपलोड की गई वाद सूची के अनुसार, इस मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति विक्रम नाथ, न्यायमूर्ति संदीप मेहता और न्यायमूर्ति एन वी अंजारिया की तीन सदस्यीय विशेष पीठ करेगी।

स्वतः संज्ञान वाले मामले के अलावा, इस मुद्दे से संबंधित चार अलग-अलग याचिकाएं भी सुनवाई के लिए सूचीबद्ध हैं।

न्यायालय ने 22 अगस्त को पारित अपने आदेश में कहा था कि देश भर के उच्च न्यायालयों में लंबित सभी समान मामले इस मुद्दे पर ‘‘अंतिम राष्ट्रीय नीति या निर्णय’’ के लिए शीर्ष अदालत में आएंगे।

पीठ ने कहा था कि नगर निगम अधिकारी दिल्ली, गाजियाबाद, नोएडा, फरीदाबाद और गुरुग्राम के सभी इलाकों से आवारा कुत्तों को उठाने और उनके लिए तुरंत आश्रय स्थल बनाने संबंधी 11 अगस्त के निर्देशों का पालन करना जारी रखेंगे।

न्यायालय ने कहा था कि उठाए गए आवारा कुत्तों को छोड़ने पर रोक लगाने संबंधी 11 अगस्त के निर्देश को फिलहाल स्थगित रखा जाएगा।

न्यायालय की दो न्यायाधीशों की पीठ ने 11 अगस्त को कई निर्देश जारी किए थे, जिनमें दिल्ली-एनसीआर के अधिकारियों को सभी इलाकों से आवारा कुत्तों को ‘‘जल्द से जल्द’’ उठाना शुरू करने और उन्हें आश्रय गृहों में स्थानांतरित करने का आदेश भी शामिल था।

पीठ ने यह आदेश राष्ट्रीय राजधानी में आवारा कुत्तों के काटने से, खासकर बच्चों में, रेबीज होने की एक मीडिया रिपोर्ट पर स्वतः संज्ञान लेते हुए 28 जुलाई को पारित किया था।

ग्यारह अगस्त के आदेश के बाद देश भर में व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए।

बाद में, यह मामला तीन न्यायाधीशों की विशेष पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आया।

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