नयी दिल्ली, दो अक्टूबर (भाषा) कांग्रेस ने महात्मा गांधी के एक निजी सहयोगी की पुस्तक का हवाला देते हुए बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर निशाना साधा और दावा किया कि राष्ट्रपिता ने संघ को ‘‘सर्वसत्तावादी दृष्टिकोण वाला एक सांप्रदायिक संगठन’’ बताया था।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘प्यारेलाल महात्मा गांधी के सबसे करीबी सहयोगियों में से एक थे। वे लगभग तीन दशकों तक गांधीजी के निजी स्टाफ का हिस्सा रहे। 1942 में महादेव देसाई की मृत्यु के बाद वे महात्मा गांधी के सचिव बने।’’
उन्होंने कहा, ‘‘महात्मा गांधी पर प्यारेलाल की किताबें आज मानक संदर्भ ग्रंथ मानी जाती हैं। 1956 में उन्होंने ‘महात्मा गांधी: द लास्ट फेज’ का पहला खंड प्रकाशित किया, जिसे अहमदाबाद की ‘नवजीवन पब्लिशिंग हाउस’ ने प्रकाशित किया था।’’
कांग्रेस नेता ने इस बात का उल्लेख किया कि इसमें तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने लंबी भूमिका लिखी और प्रथम उपराष्ट्रपति डॉ. एस. राधाकृष्णन ने भी इसकी सराहना की तथा दो साल बाद इसका दूसरा खंड प्रकाशित हुआ।
रमेश ने कहा, ‘‘दूसरे खंड के पृष्ठ 440 पर प्यारेलाल ने महात्मा गांधी और उनके एक सहयोगी के बीच हुई बातचीत का उल्लेख किया है। इस बातचीत में राष्ट्रपिता ने आरएसएस को ‘सर्वसत्तावादी दृष्टिकोण वाला एक सांप्रदायिक संगठन’ बताया है। यह बातचीत 12 सितंबर 1947 को हुई थी। पांच महीने बाद, गृह मंत्री सरदार पटेल ने आरएसएस पर प्रतिबंध लगा दिया।’’