नयी दिल्ली, 24 अक्टूबर (भाषा) कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद उदित राज ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि मामला अदालत में विचाराधीन होने के बावजूद अधिकारियों ने उनके परिवार को नयी दिल्ली के पंडारा पार्क स्थित बंगले से जबरन निकाल दिया।
इस संबंध में सरकार की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई।
संबंधित बंगला पूर्व सांसद की पत्नी एवं सेवानिवृत्त आईआरएस अधिकारी सीमा राज को आवंटित था।
सीमा राज ने कहा कि उन्होंने इस वर्ष 31 मई तक के लाइसेंस शुल्क का भुगतान कर दिया था।
पूर्व सांसद ने पीटीआई-वीडियो से कहा, ‘‘आप देख सकते हैं कि सामान घर से बाहर फेंका जा रहा है। मामला विचाराधीन है, और अगली सुनवाई 28 अक्टूबर को है। तीन या चार दिन में और क्या फर्क पड़ जाता?’’
उन्होंने कहा कि वह अदालत के फैसले का पालन करेंगे, लेकिन यह ‘‘उत्पीड़न’’ दलितों और गरीबों की आवाज बनने की ‘‘सजा’’ है।
उदित राज ने आरोप लगाया कि इस कार्रवाई में निचली जाति के एक विपक्षी नेता को निशाना बनाया गया, जबकि ‘‘उच्च जाति के कई लोग अब भी सरकारी बंगलों पर कब्जा किए हुए हैं’’।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने (केंद्रीय मंत्री) मनोहर लाल खट्टर से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका। कोई भी उच्च अधिकारी फोन पर उपलब्ध नहीं है। कोई भी मुझे कुछ नहीं बता रहा है।’’
पूर्व सांसद ने इस कार्रवाई को ‘‘अत्याचार’’ करार दिया और कहा कि वह इस मामले को अपने पार्टी नेतृत्व के समक्ष उठाएंगे।
उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक वीडियो साझा करते हुए लिखा, ‘‘मेरे घर का सामान सड़क पर फेंका जा रहा है।’’
सीमा राज ने कहा कि उन्होंने अपना कामकाज समेटने और दूसरा स्थान ढूंढ़ने के लिए नवंबर के अंत या दिसंबर की शुरुआत तक का समय मांगा था।
उन्होंने कहा, ‘‘एक सेवानिवृत्त अधिकारी बिना किसी परेशानी के छह महीने तक सरकारी आवास में रह सकता है। इसके बाद, मैंने संपदा निदेशालय से मेरे आवास की अवधि बढ़ाने का अनुरोध किया, क्योंकि मेरे पिता गंभीर रूप से बीमार थे। हाल ही में उनका निधन हो गया।’’
सेवानिवृत्त अधिकारी ने आरोप लगाया कि कुछ ही दिन बाद सुनवाई निर्धारित होने के बावजूद बेदखली का नोटिस जारी कर दिया गया।
कांग्रेस नेता की पत्नी ने कहा, ‘‘वे अदालत की छुट्टी के दौरान हमें बेदखल करने आए थे ताकि हम अदालत में जाकर कानूनी सहायता न ले सकें।’’
उदित राज ने बृहस्पतिवार को ‘एक्स’ पर कहा कि संपदा निदेशालय के अधिकारी उनके आवास पर आए और उन्हें शुक्रवार को होने वाली बेदखली के बारे में जानकारी दी।
कांग्रेस में शामिल होने से पहले 2014 से 2019 तक भाजपा सांसद के रूप में लोकसभा में उत्तर पश्चिमी दिल्ली का प्रतिनिधित्व करने वाले उदित राज ने कहा कि वह जल्द ही ‘‘घर खाली करने के बारे में सोच रहे थे’’, लेकिन अधिकारियों द्वारा दिखाई गई ‘‘जल्दबाजी’’ सवाल खड़े करती है।
उन्होंने कहा, ‘‘जो लोग निर्धारित समय से ज़्यादा समय तक रुके हुए हैं, उनके लिए भी यही पैमाना क्यों नहीं अपनाया जाता? मैं सामाजिक न्याय के लिए अपनी लड़ाई से पीछे नहीं हटूँगा।’’