पुरी, 14 अक्टूबर (भाषा) बारहवीं सदी के श्री जगन्नाथ मंदिर की पूर्ण सुरक्षा के लिए जल्द ही एक व्यापक सुरक्षा योजना तैयार की जाएगी, मंदिर की सुरक्षा उप-समिति के प्रमुख गिरीश चंद्र मुर्मू ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व उपराज्यपाल और भारत के पूर्व नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक मुर्मू ने सुरक्षा पहलुओं पर श्री जगन्नाथ मंदिर की उप-समिति की बैठक की अध्यक्षता करने के बाद यह बात कही।
पुरी के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के अलावा मंदिर के वरिष्ठ सेवादार भी सुरक्षा उप-समिति के सदस्यों में शामिल हैं।
मुर्मू ने संवाददाताओं से कहा, “एक व्यापक सुरक्षा योजना बनाई जा रही है, जिसमें मंदिर के अंदर और बाहरी घेरे दोनों की सुरक्षा का ध्यान रखा जाएगा।”
उन्होंने कहा कि प्रस्तावित योजना से श्रद्धालुओं और सेवादारों को परेशानी न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए सभी हितधारकों की राय ली जाएगी।
सूत्रों ने बताया कि प्रस्तावित व्यापक सुरक्षा योजना का उद्देश्य मंदिर की भौतिक और डिजिटल संपत्तियों की किसी भी क्षेत्र से आने वाले सभी प्रकार के खतरों से सुरक्षा सुनिश्चित करना है। इसलिए, जोखिम मूल्यांकन, भेद्यता प्रबंधन, भौतिक सुरक्षा, साइबर सुरक्षा और अन्य पहलुओं पर विचार करने के बाद एक नीति और प्रक्रियात्मक योजना तैयार की जाएगी।
सुरक्षा पहलुओं में काफी अनुभव रखने वाले मुर्मू, विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर में अपने कार्यकाल के बाद, मंदिर की सुरक्षा उप-समिति के प्रमुख हैं, जिसका गठन 12वीं शताब्दी के मंदिर के इतिहास में पहली बार किया गया था।
उप-समिति को श्री जगन्नाथ मंदिर प्रबंध समिति (एसजेटीएमसी) का अनुमोदन प्राप्त है, जो मंदिर की सर्वोच्च संस्था है और जिसके अध्यक्ष पुरी के गजपति महाराजा दिब्यसिंह देब हैं।