तिरुवनंतपुरम, चार अक्टूबर (भाषा) केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने भूस्खलन प्रभावित वायनाड के लिए कथित विलंबित सहायता को लेकर शनिवार को केंद्र सरकार की कड़ी आलोचना की और उस पर राज्य की मांग का आठवां हिस्सा भी मंजूर नहीं करने का आरोप लगाया।
विजयन ने कहा कि केरल सरकार ने मानदंडों के हिसाब से वायनाड में पुनर्निर्माण कार्यों के लिए 2221.03 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता की मांग की थी, लेकिन मुंडक्कई-चूरलमाला भूस्खलन त्रासदी के एक साल और दो महीने बाद केंद्र की ओर से केवल 260.56 करोड़ रुपये मंजूर किए गए।
उन्होंने कहा, “यह राशि हमारी वास्तविक मांग का आठवां हिस्सा भी नहीं है। केरल को नजरअंदाज करने के फैसले के खिलाफ हर तरफ से विरोध हो रहा है। यह विरोध पूरे राज्य की भावना को दर्शाता है।”
मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक, विजयन ने केंद्र से आग्रह किया कि वह केरल की भावनाओं को समझे, राज्य और आपदा से प्रभावित लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाए और उन्हें बिना किसी देरी के जरूरी सहायता प्रदान करे।
वायनाड को समय पर सहायता सुनिश्चित करने में केंद्र की ओर से हुई देरी का जिक्र करते हुए विजयन ने कहा कि केंद्र सरकार को वायनाड भूस्खलन को बड़ी आपदा घोषित करने में पांच महीने लग गए, जिससे अंतरराष्ट्रीय मदद की संभावना खत्म हो गई।
उन्होंने कहा कि भूस्खलन की घटनाएं 30 जुलाई 2024 को हुई थीं और प्रधानमंत्री सीधे उस जगह का दौरा करने आए थे, जबकि दस दिनों के भीतर एक केंद्रीय टीम भी स्थिति का जायजा लेने पहुंची थी।
विजयन ने दावा किया कि शुरुआती आकलन के बाद केरल ने 1202.12 करोड़ रुपये की आपातकालीन सहायता का अनुरोध किया, लेकिन कुछ भी नहीं दिया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि आपदा पीड़ितों के ऋण माफ करने के अनुरोध के बावजूद केंद्र ने अभी तक कोई कदम नहीं उठाया है।
केंद्र की आलोचना करते हुए विजयन ने कहा कि सरकार ने आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा-13 को भी हटा दिया, जबकि इसके लागू रहने से ऋण माफी में मदद मिलती।
उन्होंने कहा कि इस संशोधन का हवाला देते हुए केंद्र सरकार ने उच्च न्यायालय को लिखित रूप से सूचित किया था कि कानून मुंडक्कई-चूरलमाला आपदा के पीड़ितों के ऋण माफ करने की अनुमति नहीं देता है।
कांग्रेस महासचिव और वायनाड से लोकसभा सदस्य प्रियंका गांधी वाद्रा ने भी इसी तरह के विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि भूस्खलन से प्रभावित वायनाड के लोगों को केंद्र से केवल उपेक्षा ही मिली है।
प्रियंका ने एक बयान में कहा कि राहत और पुनर्वास कार्य को राजनीति से ऊपर रखकर देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मानवीय पीड़ा को राजनीतिक अवसर के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए और वायनाड के लोग न्याय, समर्थन एवं सम्मान के हकदार हैं।