नयी दिल्ली, 21 अक्टूबर (भाषा) दिल्ली के गृहमंत्री आशीष सूद ने मंगलवार को कहा कि दिवाली के मौके पर जिन लोगों ने रात दस बजे के बाद पटाखे फोड़े उन्होंने ‘गैर जिम्मेदाना’ व्यवहार किया।
मंत्री ने हालांकि रेखांकित किया कि राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण बढ़ने का एकमात्र कारण पटाखे फोड़ना नहीं है।
सूद ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘दिल्ली के लोगों को उच्चतम न्यायालय के दिशानिर्देशों का पूरी तरह पालन करना चाहिए था, जिसके तहत रात 10 बजे तक पटाखे फोड़ने की अनुमति दी गई थी। अदालत के रात 10 बजे के दिशानिर्देश को तोड़कर त्योहार मनाने वालों का यह गैर जिम्मेदाराना व्यवहार था।’’
उच्चतम न्यायालय ने हाल ही में दिल्ली-एनसीआर में राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग एवं अनुसंधान संस्थान (नीरी) द्वारा अनुमोदित हरित पटाखों की बिक्री और उपयोग पर से प्रतिबंध हटा लिया था।
शीर्ष अदालत ने 19 अक्टूबर और 20 अक्टूबर को सुबह 6 बजे से 7 बजे तक तथा रात 8 बजे से 10 बजे तक स्वीकृत पटाखों के उपयोग की अनुमति दी थी।
सूद ने बताया, ‘‘ पूर्वी दिल्ली के आनंद विहार में सुबह पांच बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 943 और शाहदरा में करीब 390 रहा। दिल्ली वालों को मंगलवार की सुबह घने कोहरे और कम दृश्यता का सामना करना पड़ा।’’
दिवाली की रात लोगों द्वारा दो घंटे की निर्धारित सीमा से अधिक पटाखे फोड़ने के बाद वायु गुणवत्ता ‘खतरनाक स्तर’ पर पहुंच गई।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के बुलेटिन के अनुसार, पूर्वाह्न 11 बजे शहर का एक्यूआई 359 रहा, जो ‘बेहद खराब’ श्रेणी में है। सुबह आठ बजे यह 352, पांच बजे 346, छह बजे 347 और सात बजे 351 रहा।
निर्धारित मानकों के मुताबिक, शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच को ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच को ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच को ‘खराब’, 301 से 400 के बीच को ‘बहुत खराब’ तथा 401 से 500 के बीच को ‘गंभीर’ माना जाता है।
राष्ट्रीय राजधानी के 38 निगरानी केंद्रों में से 35 ‘रेड जोन’ में थे, जो ‘बहुत खराब’ से ‘गंभीर’ वायु गुणवत्ता को दर्शाता है।
सूद ने कहा, ‘‘हम सभी नागरिकों से अपील करते हैं कि वे उच्चतम न्यायालय के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए त्योहार मनाएं और शहर में हरित क्षेत्र और स्वच्छता बढ़ाने में दिल्ली सरकार का सहयोग करें, ताकि लोगों को इस बार जैसी समस्याओं का सामना न करना पड़े।’’