पानी प्राणी जीवों का प्राणाधार है। अगर जल न होता तो ये पेड़-पौधे, जीव-जन्तु, इंसान सभी मुरझा जाते और धरती सुनसान होती। खाना खाए बिना तो हर प्राणधारी कुछ समय तक जीवित रह सकता है परन्तु बिना जल के जीवन की कल्पना करना भी मुश्किल लगता है। प्यास लगने पर सभी पानी पीते हैं पर पानी पीने से पूर्व अगर कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तो पिया हुआ पानी हमारे शरीर को पूर्ण लाभ देगा। सबसे पहले पीने का पानी साफ होना चाहिए। पानी कभी भी अधिक मात्रा में एक साथ न पिएं। घूंट-घूंट कर पानी पिएं। घूंट-घूंट कर पानी पीने से जीभ की ग्रंथियों से स्त्रावित रस पानी के साथ मिलकर शरीर में पहुंचता है। कुछ रोगों में सामान्य से अधिक पानी पीना लाभप्रद होता है जैेसे बुखार, लू लगने पर, मूत्रारोगों में, रक्तचाप होने पर, कब्ज, पेट में जलन आदि की शिकायत होने पर। सामान्य लोगों के लिए पानी प्यास लगने पर पीना चाहिए। दिन भर में उसे 4 लिटर पानी पीना चाहिए। वैसे पानी की कुछ मात्रा हमें फल, चाय, दूध, भोजन से भी प्राप्त होती है पर वह पर्याप्त नहीं होता। पर्याप्त पानी पीने से शरीर के विषैले तत्व बाहर निकलते हैं। प्रातः उठकर पानी पीना सेहत के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। बवासीर और कब्ज जैसे रोगों से छुटकारा मिलता है। भोजन के बीच में पानी पीने से पाचन तंत्रा में गड़बड़ हो सकती है। भोजन से जो रस हमें प्राप्त होते हैं साथ में पानी पीने से उनका लाभ कम हो जाता है। भोजन खाने से आधा घंटा पहले पानी पिएं और भोजन के एक घंटा बाद पानी का सेवन करें। सोने से पूर्व भी एक गिलास पानी पीना चाहिए। इससे स्वप्नदोष जैसे रोगों से छुटकारा मिलता है और नींद अच्छी आती है। निर्जल व्रत न रखें। इससे रक्तचाप, निर्जलीकरण और दिल की धड़कन बढ़ सकती है। चिकनाई वाले खाद्य पदार्थों के सेवन के बाद पानी न पिएं जैसे दूध, मलाई, मक्खन, देसी घी, मेवे, भुने, चने, फल और मिठाई आदि। इससे खांसी का डर होता है। खीरा, ककड़ी, तरबूज, खरबूजा, सिंघाड़े के बाद भी पानी न पिएं क्योंकि इनमें जल की काफी मात्रा होती है। इनके बाद पानी पीने से हैजे का खतरा हो सकता है। गर्म खाद्य पदार्थों के सेवन के बाद भी पानी न पिएं जैसे चाय, काफी, दूध आदि। एकदम उठकर पानी न पिएं चाहे प्रातः हो या दिन में। इससे सिरदर्द व जुकाम हो सकता है। धूप से आने के तुरंत बाद भी पानी न पिएं, अधिक शारीरिक श्रम और व्यायाम के तुरंत बाद भी पानी न पिएं क्योंकि उस समय शरीर के अंदर गर्मी पैदा हुई होती है। रतिक्रिया के तुरंत बाद भी पानी पीना हानिकारक होता है। पानी स्वच्छ और थोड़ा-थोड़ा कर दिन भर पीते रहें। पानी बैठकर पीने से अधिक लाभ मिलता है बजाए खड़े होकर पीने से।