कृत्रिम बुद्धिमत्ता के पास कौशल है लेकिन कला नहीं, मानवीय भावनाओं की जगह नहीं ले सकती: चेतन भगत
Focus News 6 October 2025 0
पुणे, छह अक्टूबर (भाषा) प्रसिद्ध लेखक चेतन भगत ने इन चिंताओं को खारिज कर दिया है कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और एआई आधारित भाषा उपकरण लेखकों के पेशे, खासकर गल्प (कथा) लेखन को प्रभावित करेंगे।
उन्होंने कहा, “एआई एक कौशल होगा, लेकिन कला नहीं।” उन्होंने कहा कि ये उपकरण लेखन में सच्ची भावनाएं नहीं ला सकते, और मानवीय अनुभवों से प्राप्त रचनात्मकता अद्वितीय बनी रहेगी।
भगत रविवार को पुणे में किताब की एक दुकान में अपनी नई किताब ’12 ईयर्स: माई मेस्ड-अप लव स्टोरी’ के विमोचन के अवसर पर बोल रहे थे, जहां राजनीतिक विश्लेषक तहसीन पूनावाला ने उनका साक्षात्कार लिया।
यह पूछे जाने पर कि क्या एआई और एआई-आधारित भाषा मॉडल एक लेखक के रूप में उनके पेशे को प्रभावित करेंगे, भगत ने कहा कि मानवीय भावनाओं पर आधारित कहानी कहने की कला को मशीनें नहीं दोहरा सकतीं।
उन्होंने कहा, “जब लोग पूछते हैं कि क्या एआई या चैटजीपीटी एक लेखक के रूप में मेरे पेशे को प्रभावित करेगा, तो मेरा जवाब है, यह नहीं होगा, कम से कम कथा साहित्य के लिए तो नहीं।”
लेखक ने इस बात पर जोर दिया कि प्रामाणिक लेखन जीवंत अनुभवों पर आधारित होता है।
उन्होंने समझाते हुए कहा, “एआई का दिल नहीं टूटा है। मेरा दिल टूटा था। चैटजीपीटी को बचपन का कोई सदमा नहीं है। मेरा है। मेरे रिश्ते टूटे हैं। मैंने प्यार महसूस किया है। मैंने उतार-चढ़ाव देखे हैं और किताबों में जो चीज काम करती है, वह यह है कि इन सच्ची भावनाओं को पाठकों तक पहुंचाने की क्षमता। अगर आप खुद कुछ महसूस नहीं करते, तो कल्पना काम नहीं करेगी।’’
भगत ने कहा कि कहानी कहने का सार मानवीय जुड़ाव में निहित है।
उन्होंने कहा, “आम तौर पर, लोगों की लोगों में रुचि होती है। हम यहां बात क्यों कर रहे हैं? क्योंकि आपके बोलने का एक खास तरीका है, और मुझे वह पसंद है। अगर हम दोनों की जगह बॉट्स ले लें, तो वे हर चीज पर बात करेंगे—परमाणु विज्ञान से लेकर अंतरिक्ष और राजनीति तक—लेकिन कौन बैठकर सुनना चाहेगा?”
इस धारणा को चुनौती देते हुए कि एआई रचनात्मक लेखन को टक्कर दे सकता है, उन्होंने कहा कि, “मुझे एक भी किताब बताइये जो एआई द्वारा लिखी गई हो। लोगों की हमेशा लोगों में रुचि रहेगी। ये मॉडल प्रशासनिक काम संभाल सकते हैं, लेकिन वे लेखन में सच्ची भावनाएं नहीं ला सकते।”
भगत ने कहा कि भले ही एआई भावनात्मक अभिव्यक्ति की नकल करने के लिए विकसित हो जाए, फिर भी दर्शकों की नजर में इसकी प्रामाणिकता कम ही रहेगी।
उन्होंने कहा, “भविष्य में भी अगर एआई भावनाओं की नकल करना सीख जाता है, तो जैसे ही लोगों को पता चलेगा कि कुछ एआई द्वारा लिखा गया है, वे उसे पढ़ना या देखना बंद कर देंगे।”
भगत के कुछ लोकप्रिय उपन्यासों पर फिल्में भी बनी हैं। उन्होंने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता में तेजी से विकास के बावजूद मानवीय अनुभवों से प्राप्त रचनात्मकता की जगह कोई नहीं ले सकता।
उन्होंने कहा, “एआई में एक कौशल होगा, लेकिन कला नहीं।”
लिखने की इच्छा रखने वालों को संदेश देते हुए, भगत ने कहा कि एआई-आधारित मॉडलों की मौजूदगी के बावजूद भी कुछ चीजें नहीं बदलेंगी जिनमें लोगों को देखने की क्षमता, पढ़ने-लिखने की क्षमता, और सबसे महत्वपूर्ण अनुशासन, कड़ी मेहनत और लेखन में एकाग्रता है।
अपनी नई किताब के बारे में भगत ने बताया कि यह एक 33 वर्षीय तलाकशुदा पुरुष और 21 वर्षीय महिला की प्रेम कहानी है।
उन्होंने कहा, “यह रिश्तों की जटिलताओं पर आधारित है और जेनरेशन जेड और मिलेनियल, दोनों पीढ़ियों से जुड़ी हुई है, जिसमें महिला पात्र जेनरेशन जेड का प्रतिनिधित्व करती है और पुरुष नायक मिलेनियल पीढ़ी का है।”
“यह एक प्रेम कहानी है, लड़का 33 साल का है और लड़की 21 साल की। उम्र का अंतर ही इसे पेचीदा बनाता है। मुझे उम्मीद है कि लोग इसका आनंद लेंगे। मुझे बहुत खुशी है कि विमोचन के समय वर्तमान और पिछली, दोनों पीढ़ियों के पाठक मौजूद रहे – यह देखकर खुशी होती है कि भारत में लोग अब भी किताबें पढ़ रहे हैं।”
भगत ने कहा कि उनकी ‘2 स्टेट्स: द स्टोरी ऑफ माई मैरिज’ और ‘हाफ गर्लफ्रेंड’ किताबों की सफलता के 10 साल से ज्यादा समय बाद, उन्होंने एक और प्रेम कहानी लिखी है।
उन्होंने कहा, ” ‘12 ईयर्स: माई मेस्ड-अप लव स्टोरी’ मेरे दिल के बेहद करीब है और मेरी अब तक लिखी सबसे बेहतरीन किताबों में से एक है, अगर नहीं भी तो मेरी सबसे पसंदीदा बेहतरीन किताबों में से एक है। यह मजेदार, भावुक, विचारोत्तेजक और भी बहुत कुछ है। इसके मूल में, इस शाश्वत सवाल का जवाब देने की कोशिश है कि आप कैसे जान सकते हैं कि आपके जीवन का खास व्यक्ति ही ‘वही एक’ है?
भगत ने कहा कि कई ऑनलाइन ओटीटी मंच होने के बावजूद, भारत में खासकर युवा वर्ग के लोग किताबें पढ़ने का शौक रखते हैं।