नयी दिल्ली, 16 अक्टूबर (भाषा) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बृहस्पतिवार को कहा कि आर्थिक अपराधियों, साइबर अपराधियों, आतंकवादी गतिविधियों में शामिल लोगों और अन्य सभी भगोड़ों के प्रति कठोर रवैया अपनाया जाना चाहिए ताकि उन्हें भारतीय न्याय प्रणाली के दायरे में लाया जा सके।
सीबीआई द्वारा यहां आयोजित ‘भगोड़ों का प्रत्यर्पण – चुनौतियां और रणनीतियां’ विषय पर एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए, शाह ने कहा कि न केवल भ्रष्टाचार, अपराध और आतंकवाद के विरुद्ध, बल्कि भारत के बाहर से सक्रिय अपराधियों के विरुद्ध भी कतई बर्दाश्त नहीं करने का दृष्टिकोण अपनाया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि सभी भगोड़ों को कानून के दायरे में लाने और इसके लिए एक निश्चित तंत्र स्थापित करने के प्रयास किए जाने चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘चाहे वे आर्थिक अपराधी हों, साइबर अपराधी हों, आतंकवादी गतिविधियों में शामिल हों या संगठित अपराध नेटवर्क का हिस्सा हों, प्रत्येक भगोड़े के विरुद्ध कठोर रवैया अपनाया जाना चाहिए ताकि उन्हें भारतीय न्याय प्रणाली के समक्ष लाया जा सके। इसके लिए समय आ गया है।’’
गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने इसके लिए अचूक उपाय किए हैं ताकि कोई भी अपराधी कानून की पकड़ से बच न पाए।
उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में, एक सशक्त भारत न केवल अपनी सीमाओं की सुरक्षा के लिए, बल्कि कानून के शासन को भी मजबूत करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।’’
शाह ने कहा कि अपराध और अपराधियों की चालें चाहे कितनी भी तेज क्यों न हों, न्याय की पहुंच उससे भी तेज होनी चाहिए।
उन्होंने सभी राज्यों से अपने-अपने राज्यों में कम से कम एक अंतरराष्ट्रीय स्तर की जेल कोठरी स्थापित करने का भी आग्रह किया ताकि विदेशी अदालतों में भगोड़ों द्वारा दी जाने वाली निम्न स्तर की जेल की दलीलों का खंडन किया जा सके।